Akash Deep; coach sourasish lahiri interview | आकाश दीप के कोच बोले- उसे परिस्थितियों ने लड़ना सिखाया: वह लंबी रेस का घोड़ा, तीनों फॉर्मेट क्रिकेट खेलने का हुनर; गांगुली को दिया श्रेय

रांची24 मिनट पहले

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तेज गेंदबाज आकाश दीप के कोच सौराशीष लाहिरी का कहना है कि आकाश में भारत के लिए तीनों फॉर्मेट में खेलने की क्षमता और हुनर है। वे कहते हैं कि वह कभी हार न मानने वाला जुझारू गेंदबाज है। उसे परिस्थितियों ने लड़ना सिखाया है। आकाश ने रांची टेस्ट में इंग्लैंड की पहली पारी में तीन अहम विकेट लिए थे।

सौराशीष ने आकाश का संघर्ष बताते हुए कहते हैं कि उसकी फैमिली में बहुत कुछ हुआ है। उसके पापा छोड़कर चले गए। इसके 6 महीनों बाद ही बड़े भैया का भी देहांत हो गया। ऐसे में सारी जिम्मेदारी उसके कंधों पर आ गई। उसने भाभी, मां और पूरे परिवार को संभाला। साथ ही क्रिकेट को भी जारी रखा। पढ़िए पूरा इंटरव्यू…

आकाश ने वहीं किया, जो हमेशा करता है
कोच ने आकाश के प्रदर्शन पर कहा कि हमें पता था कि वह इसी तरह की बॉलिंग करेगा। वह हमेशा से इसी तरह की बॉलिंग करता है। जैसा उसका स्टाइल है, स्पीड है, जैसा उसका लाइनलेंथ है। उसने कुछ नया नहीं किया। उसने वही किया जो पिछले कुछ साल में फर्स्ट क्लास में किया है। हमें खुशी है कि क्रिकेट के बड़े मंच पर उसने अपने हुनर का प्रदर्शन किया। वह सिचुवेशन से घबराया नहीं, बल्कि उस परिस्थिति को उसने इंजॉय किया।
उसकी माता और पूरा परिवार रांची में उसके डेब्यू पर था। आकाश ने अपनी क्षमता को दुनिया के सामने रख दिया।

आकाश दीप को रांची टेस्ट में भारतीय टीम के प्रमुख कोच राहुल द्रविड़ ने डेब्यू कैप दिया।

आकाश दीप को रांची टेस्ट में भारतीय टीम के प्रमुख कोच राहुल द्रविड़ ने डेब्यू कैप दिया।

वह लंबी रेस का घोड़ा, तीनों फॉर्मेट में इंडिया खेलेगा
सौराशीष कहते हैं कि आकाश लंबी रेस का घोड़ा है। उसके अंदर इंडिया के लिए तीनों फॉर्मेट में खेलने की क्षमता है और हुनर है। वह फिजिकली काफी स्ट्रॉन्ग हैं और उसमें विल पावर बहुत है। लंबा स्पेल कर सकता है। उसकी मेंटलिटी कभी हार मानने वाला है।

जब इंडियन कंडीशन में फास्ट बॉलर बॉलिंग करते हैं और विकेट नहीं मिलता है, तो वे सोचने लगते हैं कि यहां तो कुछ हो नहीं रहा है। आकाश छोड़ने वाला गेंदबाज नहीं है। वे कभी हार नहीं मानने वाले गेंदबाज हैं।

आकाश की सफलता का श्रेय गांगुली को है
कोच ने आकाश की सफलता का श्रेय पूर्व भारतीय कप्तान सौरव गांगुली को दिया। उन्होंने बताया कि उसे मैंने सबसे पहले 2017 में देखा था। संन्यास के बाद मुझे बंगाल क्रिकेट एसोसिएशन ने पहली बार मुझे अंडर-23 का कोच नियुक्त किया था और टीम बनाने की जिम्मेदारी दी।

पूर्व क्रिकेटर जयदीप मुखर्जी ने बताया कि बिहार का एक लड़का बंगाल के यूनाइटेड क्लब से खेल रहा है, वह टेलेंटेड है। तब वे टेनिस बॉल से खेलते थे। मैने नेट पर बॉलिंग के लिए बुलाया। मैने देखा कि उनकी गेंदबाजी में काफी पेस है। मैने उन्हें बंगाल अंडर-23 टीम में शामिल किया। फिर सीजन खत्म हो गया था और लंबा गैप हो गया।

जब अगले सीजन में आकाश लौटा तो बैक इंजरी से जूझ रहा था। मैं उसको टीम में लेना चाहता था, लेकिन चयनकर्ता राजी नहीं थे। ऐसे में मैंने सौरव गांगुली से बात की और कहा कि लड़का टैलेंटेड है, अभी इंजर्ड है। हम उसे टीम के साथ रखना चाहते हैं। गांगुली ने कहा कि यदि आपको लगता है कि वह बाद में डिलिवर कर सकता है, तो कैब का पूरा सहयोग है।

वापसी के बाद आकाश ने टीम को सीके नायडू के फाइनल में पहुंचाया। फिर उनका चयन अंडर-23 में ऑस्ट्रलिया दौरे के लिए इंडिया टीम में हुआ। वहां से लौटने के बाद उसने बंगाल के सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी में डेब्यू किया। आखिरी दो मैचो में 4 विकेट लिए। उसके बाद उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा।

मुझे पता था कि उसे मौका मिलने वाला है
टेस्ट टीम में सिलेक्शन पर कोच कहते हैं कि मेरे पास जानकारी आ रही थी कि उसे इंडिया टीम में मौका मिलने वाला है। आकाश एक साल से अच्छा कर रहा था। साउथ अफ्रीका टूर पर वनडे टीम के लिए सिलेक्शन हुआ। हालांकि, खेल नहीं पाया। वहां से लौटने के बाद डोमेस्टिक में भी अच्छा किया। पिछले साल डोमेस्टिक में टॉप विकेट टेकर था। इंग्लैंड लायंस के खिलाफ भी अच्छा किया।

मुझे पता था कि वह अभी अच्छी जगह पर है, उसे कोचिंग स्टाफ और प्लेयर्स लाइक करते हैं। जब इंग्लैंड के खिलाफ आखिरी तीन टेस्ट मैचों के लिए टीम का ऐलान हुआ, तब हम त्रिवेंद्रम में रणजी मैच खेल रहे थे। मैच के दौरान उन्हें इसकी जानकारी दी।

स्टंप-टु-स्टंप आकाश की खासियत
आकाश दीप का खासियत बताते हुए कोच कहते हैं कि उसके पास इंडियन कंडीशन में बैट्समैन को आउट करने की शमी और बुमराह जैसी स्किल है। आकाश की सबसे अच्छी बात है कि स्टंप-टु-स्टंप बॉल करते हैं। साथ ही पेस और मूवमेंट हैं।

वे बैट्समैन को इन और आउट साइड में बीट कर सकते हैं और विकेट का चांस बना सकते हैं। हमने देखा है कि बुमराह-शमी इंडियन कंडीशन में स्लो विकेट पर कैसे विकेट निकालते हैं। दोनों गति और स्विंग से बल्लेबाज को परेशान करते हैं। आकाश में यह सब दिख रहा है।

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