सारा अली खान की आगामी फिल्म ‘ए वतन मेरे वतन’ का ट्रेलर जारी हो गया है। इसमें आजादी के संघर्ष को दिखाया गया है। ट्रेलर में सारा 22 साल की ऊषा नाम की एक साहसी लड़की की कहानी दिखाई गई है, जो 1942 के भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान ब्रिटिश राज के खिलाफ देश को एक साथ लाने के लिए अंडरग्राउंड रेडियो स्टेशन चलाती है।
ट्रेलर के शुरुआती दृश्य में सारा अली खान हाथों में तिरंगा थामे दौड़ती नजर आती हैं। दृश्य 1942 के दौर में बॉम्बे का है। बैकग्राउंड से आवाज आती है, ‘अंग्रेजों ने हमारे देश का कर दिया है नाश। हम क्या सोचेंगे, क्या बोलेंगे, क्या देखेंगे सब कंट्रोल किया जा रहा है और हम कंट्रोल हो रहे हैं। इसके बाद महात्मा गांधी की सभा का दृश्य है, जिसमें बापू कहते हैं, ‘तोड़ दो डर की दीवारें और साहस के पंख फैलाकर उड़ जाओ। पंख फैलाने में ही वीरता है’। बापू की यह बात ऊषा (सारा अली खान) पर गहरा असर करती है।
आजादी के आंदोलन में ऊषा हिस्सा लेती नजर आती हैं। मगर, पिता के विरोध का सामना करना पड़ता है। दादी अंग्रेजों के जुल्म का डर पोती को दिखाती हैं। लेकिन, कोई डर, कोई धमकी उन्हें नहीं रोक पाती। वह अपनी आवाज और बुलंद करती है और ऐसा कदम उठाती है कि ये आवाज देश के कोने-कोने में आजादी के दीवानों तक पहुंचती है। साहस जुटाकर खोलती हैं अपना रेडियो स्टेशन।
आवाज आती है, ‘यह है देश का रेडियो, हिंदुस्तान में कहीं से, कहीं पर हिंदुस्तान में’। आवाज निकलती है तो फिर दूर तक जाती है, लोगों का साथ मिलता जाता है, अंग्रेजों के खिलाफ भारत के स्वीधानता की लड़ाई भी मजबूती से होती जाती है। हाथों में तिरंगा थामे सारा अली खान बापू की बात ‘करो या मरो’ को दोहराती हैं। साहस, मेनहत और जज्बा सब रंग लाता है। लेकिन, दर्द से भी गुजरना पड़ता है। रेडियो बंद करने की धमकी मिलती हैं, लेकिन इरादे मजबूत रहते हैं।