सैम वॉलटन एक ऐसा नाम है जिसने अपने मेहनत, सोच और समझदारी से खुद की जिंदगी को बदल डाला और साथ ही एक ऐसी कंपनी की नींव रखी, जो आज दुनिया की सबसे बड़ी रिटेल चेन बन चुकी है. इस रिटेल चेन का नाम है वॉलमार्ट. दिसंबर 2024 तक वॉलटन परिवार की कुल संपत्ति करीब 432.4 अरब डॉलर हो चुकी है. यह संपत्ति दुनिया के सबसे अमीर आदमी एलन मस्क की नेटवर्थ से भी अधिक है. खाड़ी देशों के राजघरानों को अब तक सबसे अमीर माना जाता था, लेकिन वॉलटन फैमिली की संपत्ति ने उन राजघरानों को भी पीछे छोड़ दिया. वॉलमार्ट फैमिली अब हर मिनट लगभग 3 करोड़ रुपये कमा रही है. आपको यह जानकर हैरानी होगी कि दुनिया की सबसे बड़ी रिटेल चेन की शुरुआत एक ऐसी दुकान से हुई थी, जहां शुरुआत में नमक और हल्दी बिकती थी.
कहां से हुई वॉलमार्ट की शुरुआत
सैम वॉलटन की शुरुआती रिटेल यात्रा इनोवेशन से लबालब थी. उन्होंने अर्कांसस के न्यूपोर्ट शहर में एक छोटे से स्टोर को अपनी नई सोच से बड़ी सफलता पाई. सैम का मानना था कि यदि सामान कम कीमत पर बेचा जाए और ज़्यादा मात्रा में बिक्री हो, तो अच्छा मुनाफा होगा. इसी विचारधारा ने उनके कारोबारी सफर की दिशा तय की.
कैसे-कैसे फैला बिजनेस
पहला स्टोर खुलने के 7 साल बाद 1969 तक वॉलटन परिवार के पास 18 स्टोर थे और सालाना बिक्री 3 करोड़ डॉलर से ऊपर पहुंच चुकी थी. 1970 में वॉलमार्ट ने शेयर बाजार में कदम रखा और पूंजी जुटाकर तेजी से विस्तार किया. 1979 तक कंपनी के 276 स्टोर थे और बिक्री 1 अरब डॉलर पार कर चुकी थी. 1980 के दशक में सैम वॉलटन ने ‘सैम्स क्लब’ जैसी मेंबरशिप आधारित दुकानें भी शुरू कीं. फिर 1988 में पहला सुपर सेंटर खोला, जिसमें किराना और सामान्य वस्तुएं दोनों मिलती थीं.
टेक्नोलॉजी का भरपूर इस्तेमाल
हर दिन 1.64 अरब डॉलर की सेल
2024 में वॉलमार्ट के शेयरों में 80 फीसदी की जबरदस्त बढ़ोतरी हुई, जिससे वॉलटन परिवार की संपत्ति और तेजी से बढ़ी. कंपनी की औसतन रोज़ाना की बिक्री 1.64 अरब डॉलर के आसपास है, और लाखों लोग हर दिन इसकी दुकानों से खरीदारी करते हैं. ऑनलाइन शॉपिंग में भी वॉलमार्ट ने खुद को स्थापित किया है, और Jet.com जैसी कंपनियों का अधिग्रहण करके अपने डिजिटल कारोबार को और मजबूत किया.
1992 में दुनिया को कहा अलविदा, अब कंपनी बच्चों के हवाले
1992 में सैम वॉलटन का 74 साल की उम्र में कैंसर से निधन हो गया. उनके पीछे 50 अरब डॉलर की कंपनी और एक ऐसा सिस्टम था, जिसे उनकी पत्नी हेलेन और उनके चारों बच्चों (रॉब, जॉन, जिम और एलिस) ने संभाला. उन्होंने “वॉलटन एंटरप्राइजेस” नाम की एक फैमिली होल्डिंग कंपनी के जरिए वॉलमार्ट में अपनी हिस्सेदारी को संभाला, जिससे परिवार की संपत्ति सुरक्षित रही.
रॉब वॉलटन 2015 तक चेयरमैन रहे, जिम वॉलटन ने फैमिली बैंक ‘आर्वेस्ट बैंक’ को संभाला, एलिस वॉलटन ने कला के क्षेत्र में योगदान दिया और ‘क्रिस्टल ब्रिज म्यूज़ियम ऑफ़ अमेरिकन आर्ट’ की स्थापना की. जॉन वॉलटन की 2005 में विमान दुर्घटना में मृत्यु हो गई, और उनकी संपत्ति उनकी पत्नी क्रिस्टी और बेटे लुकास को मिली. बड वॉलटन की बेटियां ऐन और नैंसी भी खेल और मनोरंजन के क्षेत्र में सक्रिय हैं. वॉलटन परिवार अब भी कंपनी के 45 फीसदी शेयरों का मालिक है.
कितना दान, कितनी संपत्ति
फरवरी 2025 तक वॉलटन परिवार की संपत्ति सात लोगों में बंटी है-
- जिम (119 अरब डॉलर)
- रॉब (113.3 अरब डॉलर)
- एलिस (113 अरब डॉलर)
- लुकास (40 अरब डॉलर)
- क्रिस्टी (18 अरब डॉलर)
- ऐन (10.1 अरब डॉलर)
- नैंसी (10.2 अरब डॉलर)
भारत के फ्लिपकार्ट को भी खरीदा
9 मई 2018 को वॉलमार्ट ने भारत की सबसे बड़ी ई-कॉमर्स कंपनी फ्लिपकार्ट में 77 फीसदी हिस्सेदारी 16 बिलियन डॉलर में खरीद ली. यह डील 18 अगस्त 2018 को पूरी हुई और इसने फ्लिपकार्ट का मूल्यांकन करीब 20-22 बिलियन डॉलर तक पहुंचा दिया. इस अधिग्रहण में 2 बिलियन डॉलर की नई इक्विटी फंडिंग भी शामिल थी.
Image – MoneyControl
यह सौदा वॉलमार्ट के लिए एक रणनीतिक कदम था, ताकि वह भारत के तेजी से बढ़ते ई-कॉमर्स बाजार में अमेज़न को टक्कर दे सके. वॉलमार्ट की मजबूत सप्लाई चेन एक्सपर्टीज़ और फ्लिपकार्ट की तकनीकी क्षमता के मेल से उम्मीद की गई कि वे भारत के उस ई-कॉमर्स बाजार में अपनी पकड़ मजबूत करेंगे, जिसके 2027 तक 200 बिलियन डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है.
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