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Success Story : राजिंदर गुप्ता ने संघर्ष और साहस से ट्राइडेंट ग्रुप को ऊंचाइयों पर पहुंचाया है. कभी दिन के 30 रुपये कमाने वाले गुप्ता आज अरबपति हैं और उनकी कंपनी के उत्पाद150 देशों में निर्यात होते हैं.

1991 में गुप्ता ने एक संयुक्त उद्यम के रूप में कताई मिल खोली.
हाइलाइट्स
- राजिंदर गुप्ता ने 30 रुपये की नौकरी से 1.3 बिलियन डॉलर की संपत्ति बनाई.
- ट्राइडेंट ग्रुप के उत्पाद 150 देशों में निर्यात होते हैं.
- गुप्ता की सफलता पंजाब के बिजनेस स्कूलों में केस स्टडी है.
Success Story : ट्राइडेंट ग्रुप (Trident Group) के संस्थापक राजिंदर गुप्ता की कहानी संघर्ष, साहस और सफलता की मिसाल है. पंजाब के एक साधारण परिवार में जन्में गुप्ता के खानदार का बिजनेस से दूर-दूर का भी नाता नहीं था. परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक न होने की वजह से वे केवल नौंवी कक्षा तक ही पढ पाए. छोटी उम्र में ही एक फैक्टरी में जॉब की जिससे उन्हें दिन के केवल 30 रुपये मिलते थे. लेकिन, राजिंदर ने कभी हार नहीं मानी और न ही कुछ बड़ा करने की जिद छोड़ी. नतीजा सबके सामने है. फोर्ब्स के अनुसार, आज वे 1.3 बिलियन डॉलर यानी ₹11,050 करोड़ (Rajinder Gupta Net Worth) के मालिक हैं. उनकी कंपनी ट्राइडेंट ग्रुप के उत्पाद 150 देशों में निर्यात किए जाते हैं.
1985 में लिया बड़ा जोखिम
1991 में खोली कताई मिल
1991 में गुप्ता ने एक संयुक्त उद्यम के रूप में कताई मिल (Katai Mill) की शुरुआत की, जो बेहद सफल साबित हुई. आने वाले वर्षों में उनका व्यवसाय कपड़ा, कागज और रसायन जैसे क्षेत्रों में फैलता गया. ट्राइडेंट ने पंजाब और मध्य प्रदेश में अपने उत्पादन केंद्र स्थापित किए और उत्तर भारत के औद्योगिक विकास का प्रतीक बन गया. आज ट्राइडेंट दुनिया भर में होम टेक्सटाइल्स और पेपर मैन्युफैक्चरिंग के क्षेत्र में एक अग्रणी कंपनी है. ट्राइडेंट के टॉवल और बेडशीट उसकी सबसे अधिक बिकने वाली उत्पादों में हैं.
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