Us Talked About Hamas Ceasefire Response And India Us Partnership – Amar Ujala Hindi News Live – Us:nsa सुलिवन बोले


अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन
– फोटो : ANI

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अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) ने भारत-अमेरिका के रिश्तों और इस्राइल-हमास जंग पर बात की। उन्होंने कहा कि प्रौद्योगिकी और अन्य क्षेत्रों में सहयोग के साथ भारत और अमेरिका के बीच साझेदारी एक नई ऊंचाई पर पहुंच गई है। वहीं, उन्होंने गाजा संघर्ष विराम और काहिरा में वार्ता को लेकर कहा कि बंधक समझौते के प्रस्तावों पर हमास का ढीला रवैया रहा है। 

नई ऊंचाइयों पर पहुंची साझेदारी

राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन ने कहा, ‘ब्रिक्स में शामिल देश अमेरिका और भारत के बीच साझेदारी प्रौद्योगिकी और सुरक्षा समेत कई अन्य आयामों के साथ नई ऊंचाइयों पर पहुंची है।’ दरअसल, सुलविन ईरान, मिस्र, संयुक्त अरब अमीरात और इथियोपिया के ब्रिक्स में शामिल होने के मद्देनजर दुनिया में अमेरिका के नेतृत्व में कमी और सऊदी अरब का हिस्सा बनने पर विचार करने के सवालों का जवाब दे रहे थे।

सुलिवन ने कहा, ‘मुझे लगता है कि अगर आप अमेरिका की भूमिका को देखते हैं और दुनिया के प्रमुख क्षेत्रों में उसके संबंधों को पर नजर डालते हैं तो हम जहां हैं उसे लेकर बहुत अच्छा महसूस करते हैं।’

नाटो पहले से कहीं ज्यादा बड़ा

उन्होंने कहा, ‘अगर आप देखें कि नाटो के साथ क्या हुआ है, हमने नाटो को पहले से कहीं ज्यादा बड़ा बना दिया है, अगर आप अमेरिका, जापान और फिलीपींस के साथ ऐतिहासिक त्रिपक्षीय वार्ता पर गौर करें। यदि आप हिंद-प्रशांत क्षेत्र में देखें कि कैसे हमने न केवल पारंपरिक सहयोगियों के साथ बल्कि वियतनाम, इंडोनेशिया, आसियान जैसे देशों के साथ भी अपने संबंधों को सुधारा है।’

चीन को कराया चिंताओं से अवगत

एनएसए ने कहा कि अगले महीने केन्या के राष्ट्रपति का यहां राजकीय यात्रा के लिए राष्ट्रपति जो बाइडन स्वागत करेंगे, जो एक ऐतिहासिक पल होगा। उन्होंने कहा कि रूस को लेकर अमेरिका ने चीन को अपनी चिंताओं से अवगत कराया है। हमने इस बात का कोई सबूत नहीं देखा है कि वे रूस को सीधी सैन्य सहायता प्रदान करेंगे, लेकिन हमने अपनी चिंताएं व्यक्त की हैं।

रवैया बेहद ढीला रहा

व्हाइट हाउस ने मंगलवार को कहा कि गाजा संघर्ष विराम और काहिरा में चल रही वार्ता में बंधक समझौते के प्रस्तावों पर हमास का रवैया बेहद ढीला रहा है। उन्होंने कहा कि हमने हमास के सार्वजनिक बयान देखे, जो उनके रवैये का दिखाता है। मध्यस्थ कतर को समूह की ओर से अभी तक अंतिम जवाब नहीं मिला है।

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