IND Vs ENG Test; India’s Test Cricket Win-loss Ratio Record Explained | टीम इंडिया की अब टेस्ट में जीत-हार बराबर: इंग्लैंड को हराकर 178 टेस्ट जीता, घर में 118 मैच जीते

16 घंटे पहले

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भारत ने धर्मशाला में पांचवें टेस्ट में इंग्लैंड को पारी और 64 रन से हरा दिया। इसके साथ ही भारतीय टीम ने पांच मैचों की सीरीज 4-1 से जीत ली है। इस नतीजे की बदौलत टीम इंडिया ने टेस्ट क्रिकेट अब जीत-हार का हिसाब बराबर हो गया है।

भारत ने 1932 में टेस्ट खेलना शुरू किया और धर्मशाला में हुए मुकाबले से पहले तक भारत की हार की संख्या जीत से ज्यादा थी। धर्मशाला में जीत के साथ ही यह अंतर खत्म हो गया। अब भारत के नाम 579 टेस्ट मैचों में 178 जीत और इतनी ही हार हैं। 1 टेस्ट टाई रहा है और 222 ड्रॉ रहे हैं। वहीं भारत की घरेलू मैदान पर भी 118वीं जीत है। भारत ने घरेलू मैदान पर 289 टेस्ट खेले हैं।

चार टीमों के नाम जीत ज्यादा हार कम
टेस्ट क्रिकेट में सिर्फ चार टीमें ऐसी हैं जिनके नाम हार की तुलना में जीत ज्यादा है। इनमें ऑस्ट्रेलिया (413 जीत, 232 हार), इंग्लैंड (392 जीत, 324 हार), साउथ अफ्रीका (178 जीत, 161 हार) और पाकिस्तान (148 जीत, 142 हार) शामिल हैं। भारत ने अब जीत और हार के आंकड़े बराबर कर दिए हैं। हाल-फिलहाल भारतीय टीम जैसा खेल दिखा रही है उससे यही उम्मीद है कि जल्द ही हमारी टीम भी हार की तुलना में ज्यादा जीत हासिल कर लेगी।

इस सदी में बदला भारत का ट्रेंड
टेस्ट क्रिकेट में भारत को पहले एक डिफेंसिव टीम कहा जाता था। यानी ऐसी टीम जो यह कोशिश करती थी कि किसी तरह हार टाली जाए। इस कोशिश में जीत कम मिलती थी, हार और ड्रॉ की संख्या तेजी से बढ़ी। 1932 से लेकर साल 2000 तक भारत ने 336 टेस्ट मैच खेले थे। इनमें भारत को सिर्फ 63 में जीत मिली थी। 112 मुकाबलों में हार का सामना करना पड़ा, जबकि 1 टेस्ट मैच टाई रहा और 160 ड्रॉ समाप्त हुए।

इस सदी में (1 जनवरी 2001 से) भारत के खेलने का रुख ज्यादा आक्रामक हुआ। शुरुआत सौरभ गांगुली की कप्तानी से हुई और बाद में इसे महेंद्र सिंह धोनी, विराट कोहली और रोहित शर्मा ने भी कायम रखा। इस सदी में भारत ने अब तक 243 टेस्ट मैच खेले हैं। इनमें 114 में टीम को जीत मिली और सिर्फ 66 में हार का सामना करना पड़ा। 62 टेस्ट ड्रॉ रहे।

घर में ऐसी बादशाहत पहले नहीं देखी गई
पिछले कुछ सालों में भारत की कामयाबी के पीछे घरेलू जमीन पर बादशाहत का बहुत बड़ा योगदान रहा है। भारत ने 2012 में आखिरी बार घरेलू जमीन पर कोई टेस्ट सीरीज गंवाई थी। तब इंग्लैंड ने हमारी टीम को भारत में आकर 2-1 से हराया था। इसके बाद से टीम लगातार 17 टेस्ट सीरीज जीत चुकी है। घर में पिछले 51 टेस्ट मैचों में भारत को सिर्फ 4 में हार का सामना करना पड़ा है। 39 में टीम जीती है और 7 टेस्ट ड्रॉ रहे हैं।

ओवरऑल भी घर में भारत का रिकॉर्ड शानदार रहा है। भारत ने अपनी जमीन पर अब तक 289 टेस्ट मैच खेले हैं। इनमें टीम को 117 में जीत मिली है और 55 में हार का सामना करना पड़ा है। 1 टेस्ट टाई रहा और 115 ड्रॉ रहे।

विदेश में भी सुधरा टीम इंडिया का प्रदर्शन
पिछली सदी में (1932 से 2000 तक) भारत के ओवरऑल कमजोर रिकॉर्ड के पीछे विदेशी जमीन पर खराब खेल दिखाना बहुत बड़ा कारण था। 1993 से 2000 तक भारत ने विदेश में 157 टेस्ट खेले थे। इनमें से सिर्फ 14 में टीम को जीत मिली थी। 70 में हार का सामना करना पड़ा था। 73 ड्रॉ रहे थे।

1 जनवरी 2001 से अब तक भारत ने विदेश में 131 टेस्ट मैच खेले। इनमें 46 में जीत मिली और 51 में हार। 34 टेस्ट ड्रॉ रहे। 2015 की शुरुआत से यह रिकॉर्ड और भी बेहतर हो गया। इन 9 सालों में भारत ने विदेश में 46 टेस्ट मैचों में से 22 में जीत हासिल की और 16 में उसे हार मिली। 8 टेस्ट ड्रॉ रहे।

विराट सबसे सफल कप्तान
टेस्ट क्रिकेट में विराट कोहली भारत के सबसे सफल कप्तान साबित हुए हैं। विराट की कप्तानी में भारत ने 68 में से 40 टेस्ट जीते। 17 में हार मिली और 11 टेस्ट ड्रॉ रहे। इसके बाद महेंद्र सिंह धोनी और सौरव गांगुली का नंबर आता है। 16 टेस्ट में 10 जीत के साथ रोहित शर्मा टेस्ट क्रिकेट में भारत के पांचवें सबसे सफल कप्तान बन गए हैं।

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