Usa Jaahnavi Kandula Death Case Seattle Police Officer Who Killed Her Will Not Face Criminal Charges – Amar Ujala Hindi News Live


Jaahnavi Kandula
– फोटो : Social Media

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भारतीय छात्रा जान्हवी  कंडुला को बीती जनवरी में कार से कुचलने वाले पुलिस अधिकारी के खिलाफ आपराधिक मामला नहीं चलेगा। सबूतों के अभाव में उसे बरी कर दिया गया है। बुधवार को किंग काउंटी अभियोजक कार्यालय की तरफ से बताया गया है कि वे सिएटल पुलिस के अधिकारी केविन डेव के खिलाफ आपराधिक कार्रवाई नहीं करेंगे। बयान में कहा गया है कि कंडुला की मौत ह्रदय विदारक है और इसका असर किंग काउंटी समेत पूरी दुनिया पर हुआ है। 

पुलिस की गाड़ी की टक्कर से हुई थी जान्हवी की मौत

जान्हवी कंडुला को बीती 23 जनवरी को सिएटल की एक सड़क पर पुलिस वाहन ने टक्कर मार दी थी, जिससे जान्हवी की मौत हो गई थी। घटना के दौरान पुलिस की जिस कार ने जान्हवी को टक्कर मारी, वह 119 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से दौड़ रही थी, जिसने सड़क पार कर रही जान्हवी को जोरदार टक्कर मार दी थी। टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि जान्हवी करीब 100 फीट तक उछलकर दूर जाकर गिरी थी और उसकी मौत हो गई। 

नहीं मिले पुलिस अधिकारी के खिलाफ कोई सबूत

दरअसल पुलिस अधिकारी एक ड्रग ओवरडोज की आपात सूचना पर मौके पर जा रहे थे और घटनास्थल पर जल्दी पहुंचने के लिए वे तेज गति से वाहन चला रहे थे। इसी दौरान सड़क पार कर रही जान्हवी कार के सामने आ गई और कार की गति तेज होने की वजह से जान्हवी को बचने का समय ही नहीं मिला और टक्कर हो गई। अभियोजक विभाग ने कहा कि केविन डेव के खिलाफ कोई सबूत नहीं मिला है, जिसके चलते उनके खिलाफ आपराधिक मुकदमा चलाया जाए। घटना के बाद पुलिस विभाग ने बॉडीकैम फुटेज जारी किए थे, जिनमें सिएटल पुलिस के अधिकारी डेनियल ऑडरर दुर्घटना पर हंसते हुए सुनाई दिए थे, जिसे लेकर खूब हंगामा हुआ था और लोगों ने भारतीय छात्रा की मौत पर हंसने वाले अधिकारी के खिलाफ भी कार्रवाई की मांग की थी। 

पुलिस अधिकारी के हंसने पर हुआ था हंगामा

ऑडरर दुर्घटना में शामिल नहीं थे, लेकिन वे हादसे की सूचना पर मौके पर पहुंचे थे। इस दौरान ऑडरर ने हंसते हुए कहा कि ‘वह मर चुकी है, उसकी लिमिटेड वैल्यू थी।’ ऑडरर के बॉडीकैम का वीडियो सार्वजनिक होने पर सिएटल पुलिस को काफी आलोचना झेलनी पड़ी थी। पुलिस विभाग ने भी ऑडरर के रवैये की आलोचना की थी और कहा था कि इस तरह के व्यवहार से लोगों का सिएटल पुलिस में विश्वास कम हुआ है। हंगामे के बाद ऑडरर को ऑपरेशनल पॉजिशन से हटा दिया गया था।

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