लता मंगेशकर उस जमाने में 1 गाने के लेती थीं 100 रुपए, पड़ने लगीं थी महंगी, मेकर्स ने फिर ढूंढ निकाली दूसरी ‘लता’

मुंबई. लता मंगेशकर को भारत की स्वर कोकिला कहा जाता है. वह आज भारतीय सिनेमा की शुरुआती सिंगर रही हैं, जो बीते दशक एक्टिव रहीं. उन्होंने एक से बढ़कर हर भारतीय भाषाओं में गाने गाए. लता ने मोहम्मद रफी, महेंद्र कपूर, उदित नारायण, सोनू निगम समेत कई दिग्गज सिंगर्स के साथ गाने गाए. लता अपने दौर की सबसे महंगी सिंगर रही हैं. 60-70 के दशक में वह एक गाने के 100 रुपए लिया करती थीं. उनकी फीस देना सभी फिल्ममेकर्स के बस की बात नहीं थी. ऐसे में मेकर्स ने एक ऐसी सिंगर के पास गए जिसकी आवाज लता मंगेशकर की आवाज को टक्कर देती थीं. यह सिंगर लता से बहुत कम फीस लेती थीं.

यह सिंगर साल 1952 में ऑल इंडिया रेडियो के लिए गाती थी. साल 1954 में आई फिल्म मंगू से इसने फिल्म इंडस्ट्री में बतौर सिंगर कदम रखा. उन्होंने ओपी नैय्यर के साथ काम किया. उन्होंने चित्रगुप्त के साथ भी काम कई भोजपुरी फिल्मों के लिए गाने गाए. इस सिंगर का नाम सुमन कल्याणपुर है. पिछले साल ही सुमन जी का 87 की उम्र में निधन हुआ.

बात 1960 के दशक की शुरुआत की है. फिल्म इंडस्ट्री पर लता मंगेशकर और आशा भोसले राज कर रही थीं. लता जी की फीस 100 रुपए थे. वह मेकर्स को बहुत महंगी लगने लगी थीं. ऐसे में मेकर्स ने सुमन कल्याणपुर से गवाना शुरू किया. वहीं, मोहम्मद रफी और लता मंगेशकर के बीच भी झगड़ा हो गया था, तो रफी ने सुमन के साथ गाना शुरु किया.

साल 1965 में आई शशि कपूर और नंदा स्टारर ‘जब जब फूल खिले’ में मोहम्मद रफी और सुमन कल्याणपुर ने ने साथ में गाने गाए. इसके बाद रफी और सुमन ने कई फिल्मों में साथ गाने गाए. सुमन को दूसरी लता मंगेशकर कहा जाता था. हालांकि सुमन को खुद यह पसंद नहीं था कि कोई उनकी आवाज की तुलना लता मंगेशकर की आवाज से करे.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, सुमन कल्याणपुर ने कहा था कि वह खुद लता मंगेशकर से प्रभावित रही हैं. वह कॉलेज के दिनों से ही उनके गाने सुनती थीं. उन्होंने कहा था, “मैं अक्सर उनके गाने गाती थी. मेरी आवाज नाजुक और पतली थी. इसमें मैं क्या कर सकती थी.”

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