Valmiki Ramayan Presenting Ram As Maryada Purushottam Know About Bhagirath Of Ram Katha

Valmiki Ramayan: रामायण (संस्कृत: रामायणम्= राम+आयणम्; शाब्दिक अर्थ: राम की जीवन-यात्रा). रामायण महर्षि वाल्मीकि द्वारा रचित संस्कृत महाकाव्य है, जिसमें भगवान श्रीराम की गाथा (Ram Katha) है. रामायण को आदिकाव्य और इसके रचयिता महर्षि वाल्मीकि (Maharshi Valmiki) को ‘आदिकवि’ कहा जाता है.

आदिकवि महर्षि वाल्मीकि की रचना रामायण को संस्कृत भाषा का पहला ‘आर्ष महाकाव्य’ माना गया है. बता दें कि, ‘आर्ष’ का अर्थ ऋषियों से संबंधित यानी जो ऋषियों की वाणी से मुखित होकर उत्पन्न हुआ हो या जो ऋषियों द्वारा लाया गया हो उसे कहते हैं.

वाल्मीकि ने रामायण रूपी भगीरथ को पृथ्वी पर उतारने का काम किया

हम सभी जानते हैं कि संस्कृत तमाम भाषाओं की जननी है और महाकाव्य रामायण तमाम भाषाओं का पहला महाकाव्य है. रामायण के रचयिता भले ही महर्षि वाल्मीकि हैं, लेकिन इससे पहले रामकथा मौखिक रूप से विद्यमान थी. वाल्मीकि रामायण भी लंबे समय तक मौखिक रूप में विद्यमान रही.

भगवान राम के पुत्र लव-कुश ने इस मौखिक काव्य रचना को कंठस्थ किया और वर्षों तक सुनाते रहें. अत: इसी मौखिक काव्य को लिपिबद्ध करने का कार्य महर्षि वाल्मीकि द्वारा किया गया. रामजी के वनवास से लौटने के बाद रामायण की रचना हुई. इसमें 2400 श्लोक, 500 सर्ग और 7 काण्ड हैं. इसलिए यह कहा जा सकता है कि, रामायण रूपी भगीरथ को पृथ्वी पर उतारने का काम वाल्मीकि द्वारा किया गया.

वाल्मीकि रामायण का उद्देश्य

दयालु, अभिमान शून्य, परोपकारी और जितेंद्रीय मनुष्य ये 4 ऐसे पवित्र स्तंभ हैं जोकि पृथ्वी को धारण किए हुए हैं और ये चारों गुण मर्यादा पुरुषोत्तम राम (Maryada Purushottam Ram) के चरित्र में समाहित होकर पृथ्वी की धारण शक्ति बन गए. वाल्मीकि रामायण का असल उद्देश्य श्रीराम के इन्हीं गुणों को आदर्श समाज के सामने प्रस्तुत करना है.

वाल्मीकि ने आदर्श पुरुष, आदर्श पति, आदर्श भ्राता, आदर्शन राजा, पतिव्रता जैसे व्रतों का पालन करने के वाले महापुरुष के रूप में राम के चरित्र को रामायण में उकेरा है. कहा जाता है, वाल्मीकि ने जब ब्रह्माजी के मानस पुत्र नारद जी से प्रश्न किया कि-संसार में गुणवान, वीर्यवान, धमर्ज्ञ, उपकारी और दृढ़प्रतिज्ञ कौन हैं? तब नारद जी ने उत्तर में ‘राम’ का नाम लेते हुए उसी समय महर्षि वाल्मीकि के समक्ष संपूर्ण रामचरित्र प्रस्तुत किया था.

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