नई दिल्ली18 घंटे पहले
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कंपनी के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर गौतम अडाणी।
गौतम अडाणी फैमिली ने रिलायंस इंडस्ट्रीज के मुकेश अंबानी को पीछे छोड़ते हुए भारत के सबसे रिचेस्ट प्रमोटर का खिताब फिर से हासिल कर लिया है। अडाणी-हिंडनबर्ग केस में सुप्रीम कोर्ट के फैसले से ग्रुप के सभी 10 शेयरों में तेजी देखी गई, जिस कारण अडाणी की नेटवर्थ बढ़ी है।
बिजनेस स्टैंडर्ड की रिपोर्ट के अनुसार, बुधवार को गौतम अडाणी फैमिली की कुल नेटवर्थ बढ़कर ₹9.37 लाख करोड़ हो गई, जो एक दिन पहले ₹8.98 लाख करोड़ थी। इसकी तुलना में, मुकेश अंबानी की कुल नेटवर्थ ₹9.38 लाख करोड़ से थोड़ी कम होकर ₹9.28 लाख करोड़ हो गई।
अडाणी ग्रुप का मार्केट कैप ₹64,500 करोड़ बढ़ा
कल यानी बुधवार 3 जनवरी को अडाणी ग्रुप की कंपनियों ने ₹64,500 करोड़ की कमाई की है। इससे ग्रुप का टोटल मार्केट कैप ₹14.47 लाख करोड़ से बढ़कर ₹15.27 लाख करोड़ हो गया है। अडाणी ग्रुप रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड के बाद देश का दूसरा सबसे वैल्युएबल ग्रुप है। मुकेश अंबानी के रिलायंस इंडस्ट्री का टोटल मार्केट कैप ₹17.48 लाख करोड़ है।


सुप्रीम कोर्ट ने कल क्या-क्या कहा?
- सेबी ने 22 मामलों की जांच पूरी की, 2 मामलों में 3 महीने के भीतर जांच पूरी करें।
- सेबी के रेगुलेटरी फ्रेमवर्क में दखल देने की इस अदालत की शक्ति सीमित है।
- OCCPR की रिपोर्ट को सेबी की जांच पर संदेह के तौर पर नहीं देखा जा सकता।
- जांच को सेबी से SIT को ट्रांसफर करने का कोई आधार नहीं है।
हिंडनबर्ग ने लगाए थे शेयर मैनिपुलेशन जैसे आरोप
अमेरिकी शॉर्ट सेलर कंपनी हिंदनबर्ग ने पिछले साल 24 जनवरी को गौतम अडाणी पर शेयर मैनिपुलेशन और मनी लॉन्ड्रिंग जैसे आरोप लगाए थे, जिसके बाद कंपनी के शेयरों में भारी गिरावट देखने को मिली थी। केस की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट ने 6 सदस्यीय कमेटी बनाई थी। इसके अलावा मार्केट रेगुलेटर SEBI को भी जांच करने के लिए कहा था।

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अडाणी-हिंडनबर्ग मामले में सुप्रीम कोर्ट ने आज यानी 3 जनवरी को सेबी को बचे हुए 2 मामलों की जांच के लिए 3 और महीने का समय दिया है। वहीं मामले की जांच को SEBI से लेकर SIT को देने से भी इनकार कर दिया। चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़, जस्टिस जे बी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की बेंच ने यह फैसला सुनाया। पूरी खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें…