शक्ति सिंह/कोटा : भारतीय समाज पुरुष प्रधान समाज है और यहां घर हो चाहे कार्यालय, राजनीति हो या शिक्षा अधिकतर पुरुषों का ही वर्चस्व रहा है. लेकिन महिलाएं भी पीछे नहीं हैं. महिलाओं के प्रति लोगों के व्यवहार में परिवर्तन हुआ है, शिक्षा, खेलकूद, उद्यम, समाजसेवा, राजनीति, चिकित्सा व कला-संस्कृति के क्षेत्र में महिलाएं आगे हैं. ऐसी ही कला संस्कृति के क्षेत्र में कोटा की एक महिला सपना प्रजापति जिनका सपना पूरा हुआ है. कोरोना काल में 750 रुपए से शुरू किया बिजनेस आज 22 लाख रुपए से अधिक के टर्नओवर में तब्दील हो चुका है. सपना प्रजापति ने 40 से अधिक महिलाओं को रोजगार दे रखा है. यूपीआई ट्रांजेक्शन 95% करती हैं.
शादी के बाद भी नहीं छोड़ी अपनी कला
सपना प्रजापति ने बताया कि वह एक सामान्य से परम्परागत कुम्भकारी व्यवसाय से जुड़े परिवार की बहू हैं. उन्होंने M.A किया हुआ है. शादी बाद भी वह कला से जुड़े काम करती रहीं. कोरोना काल में मास्क बनाए तो काम का दायरा और भी बढ़ गया, महिलाएं जुड़ती चली गई. मास्क के साथ-साथ पीपी किट भी बनाने लगीं तो कोटा ही नहीं अन्य राज्यों से भी ऑर्डर आने लगे. वह 95 प्रतिशत लेनदेन ऑनलाइन करती हैं.
सपना प्रजापति ने बताया कि कुछ साल पहले जब उन्होंने स्वरोजगार की ओर कदम बढ़ाया तो फिर कारवां बढ़ता ही गया. उन्होंने शुरू में प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम के जरिए ऋण लेकर सिलाई मशीन खरीदी और कपड़े सिलने का काम शुरू किया. अब पीएम स्वनिधि योजना का भी लाभ लिया है. अब इनके द्वारा बनाए हुए हैंडीक्राफ्ट बैग और भी अन्य आइटम कि दूसरे राज्यों से अच्छी डिमांड आती है.
95% ऑनलाइन करती हैं लेनदेन
सपना ने बताया कि पीएम मोदी ने कामकाज में ऑनलाइन कैशलेस लेन-देन के बारे में पूछा तो उन्होंने बताया कि वह 95 प्रतिशत लेनदेन ऑनलाइन करती हैं तो पीएम ने ताली बजाकर प्रशंसा की. प्रधानमंत्री को सपना ने शहरी आजीविका मिशन, पीएमईजीपी, पीएम स्वनिधि योजना के माध्यम से स्वरोजगार शुरू करके और अपना व साथ काम करने वाली लगभग 40 महिलाओं के जीवन में आए बदलाव की कहानी सुनाई.
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FIRST PUBLISHED : March 19, 2024, 15:40 IST