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Agriculture News : सीमा कुमारी, सीतामढ़ी की ‘ड्रोन दीदी’, ने जीविका से जुड़कर खाद्य दुकान खोली और इफको द्वारा मिले ड्रोन से 65 दिन में 2 लाख कमाए. उनकी सफलता अन्य किसानों के लिए प्रेरणा बनी है.

खेत में दवा का छिड़काव करती सीमा
हाइलाइट्स
- सीमा कुमारी ने 65 दिन में 2 लाख की कमाई की.
- ड्रोन से खेतों में खाद्य छिड़काव करती हैं.
- सीमा की सफलता अन्य किसानों के लिए प्रेरणा बनी.
सीतामढ़ी जिले के धनुषी गांव की रहने वाली महिला सीमा कुमारी ने जीविका से जुड़कर अपने जीवन में एक नई दिशा प्राप्त की है. सीमा ने जीविका से जुड़ने के बाद खाद्य का दुकान खोला, जिससे वह अपने परिवार की आर्थिक स्थिति में सुधार कर रही हैं. हाल ही में, सीमा को इफको द्वारा ड्रोन प्रदान किया गया है, जिससे वह अपने खेतों में खाद्य छिड़काव कर सकती हैं. सीमा ने बताया कि ड्रोन का उपयोग करके वह प्रति एकड़ में खाद्य छिड़काव कर 400 रुपए कमा रही हैं. सीतामढ़ी के धनुषी गांव की रहने वाली ड्रोन दीदी के नाम से चर्चित सीमा कुमारी 65 दिन में 2 लाख की कमाई की है.
जीविका से जुड़ने के बाद आए अच्छे दिन
सीमा कुमारी के घर की हालात अच्छे नहीं थे. वह जीविका से जुड़ी और आज ड्रोन दीदी के नाम से जिले में प्रख्यात हो गई है. Iffco द्वारा मिली ड्रोन से खेतों में छिड़काव के लिए वह जिले के विभिन्न जगह पर जाकर किसानों के खेतों में दवा और खाद्य का छिड़काव करती हैं. इसके बदले उन्हें 300 रुपए किसान और 100 रुपए IFFCO देती है. सीमा बताती है कि वह जीविका से जुड़कर खाद्य का दुकान शुरू की, जिसके बाद उसे 2024 में IFFCO कंपनी ने ड्रोन और उसके साथ एक इलेक्ट्रिक टेंपो भी दिया, जिससे वह किसान के खेत में लेकर जाती है. ड्रोन से छिड़काव के लिए जब इफको का प्रोडक्ट इस्तेमाल करती है तो उन्हें 100रुपया बोनस के रूप में दिए जाते है. सीमा का कहना है कि प्रति 1 एकड़ में 300 रुपए किसान से लेते हैं.
65 दिन में कमाई 2 लाख
ऐसे में बीते 65 दिन वह खेत में छिड़काव करने गई है, जिसमें अभी तक उसे 2लाख की आमदनी हुई है. उसने बताया कि वह पहले घर का काम करती थी. उसके पति गांव में वसुधा केंद्र चलाते थे. आर्थिक हालात ठीक नहीं थी, जिसके बाद उन्होंने जीविका से जुड़कर पहले 50 हजार लोन लिया और घर के आगे दुकान में लघु उद्योग के रूप में खाद्य का दुकान खोली. इसके बाद दुबारा पैसा जमा करने के बाद वह एक लाख का लोन ली और फिर से वही काम शुरू की. इफको का प्रोडक्ट बेचने के बाद मुझे पटना बुलाकर ट्रेनिंग दिया गया. जिसके बाद ड्रोन भी दिया गया. समय समय पर कृषि विभाग के कार्यक्रम में मुझे स्पेशली बुलाया जाता है.
प्रेरणा स्रोत बनीं सीमा
सीमा की सफलता की कहानी जिले के अन्य किसानों के लिए प्रेरणा का स्रोत बन गई है. सीमा ने बताया कि जीविका से जुड़ने के बाद उन्हें कई तरह के प्रशिक्षण और समर्थन प्रदान किया गया है, जिससे वह अपने खेतों में उत्पादन बढ़ाने में सफल हुई हैं. इफको द्वारा ड्रोन प्रदान करने के बाद, सीमा ने बताया कि वह अपने खेतों के साथ दूसरे के खेतों में खाद्य छिड़काव के लिए ड्रोन का उपयोग कर रही हैं. सीमा की कहानी से यह स्पष्ट होता है कि जीविका और इफको जैसे संगठनों के समर्थन से किसान अपने जीवन में सकारात्मक परिवर्तन ला सकते हैं.
Sitamarhi,Bihar
February 22, 2025, 13:42 IST
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