5 कट्ठे खेत में औषधीय पौधों से कमाई कर बेटे को बनाया इंजीनियर और बेटी को BDO

धीरज कुमार/मधेपुरा. 5 बीघा धान-गेहूं की खेती से बेहतर है 5 कट्ठा में औषधीय पौधों की खेती करना. जी हां, यह कहना है मधेपुरा जिले के राजपुर के प्रगतिशील किसान शंभू शरण भारतीय का. भारतीय पिछले 20 सालों से औषधीय पौधों की खेती कर रहे हैं. छोटे से रकबे में औषधीय पौधों की खेती की कमाई से उन्होंने एक बेटी को पढ़ाकर प्रखंड विकास पदाधिकारी बनवाया, जबकि बेटे को इंजीनियर. भारतीय की सफलता को देख अब कई किसान उनसे औषधीय पौधों की खेती की तकनीक और मुनाफा जानने पहुंचते हैं.

10 गुना तक ज्यादा है मुनाफा
किसान शंभू शरण भारतीय कहते हैं कि पारंपरिक फसलों की खेती की तुलना में औषधीय पौधों की खेती से आप 10 गुना तक अधिक मुनाफा कमा सकते हैं. वे खुद भी पहले पारंपरिक फसलों की खेती किया करते थे. लेकिन मेहनत की तुलना में कभी भी मुनाफा ज्यादा नहीं हो पाता था. फिर एक बार कृषि विज्ञान केंद्र से ट्रेनिंग लेकर उन्होंने औषधीय पौधों की खेती शुरू की.

मात्र 10 कट्ठा खेत की कमाई से न सिर्फ परिवार चलाया, बल्कि सभी बच्चों को बेहतर शिक्षा भी दिलाई. वे मानते हैं कि औषधीय पौधों की खेती से उनका जीवन बदल गया. भारतीय कहते हैं कि 10 बीघा में धान और गेहूं की खेती से जितनी कमाई होती है, उतनी कमाई वे 10 कट्ठा में औषधीय पौधों की खेती से कर लेते हैं.

एक-दो कट्ठा से करें औषधीय पौधों की खेती
शंभू शरण भारतीय कहते हैं कि जो कोई किसान औषधीय पौधे की खेती करना चाहते हैं, वे इसकी शुरुआत एक-दो कट्ठा से करें. इससे उन्हें इसकी खेती के तौर तरीके की संपूर्ण जानकारी हो जाएगी. अगले सीजन की खेती शुरू करने से पहले आधा फसल बेचकर लागत निकाल लें और जो फसल बच जाए उसे बीज के रूप में तैयार कर लें. फिर आगे से जितनी जमीन में खेती करना हो, कर सकते हैं. उनकी खेत में अभी 113 प्रकार की जड़ी बूटी लगी हुई है. अलग-अलग सीजन में सही कीमत पर इसे बेचते हैं.

बाजार की नहीं अब कोई दिक्कत
किसान बताते हैं कि बाजार नहीं होने के कारण पहले बिहार में औषधीय पौधों के फसल की बिक्री उचित कीमत पर नहीं हो पाती थी. लेकिन अब ऐसा नहीं है. अब तो जानकारी मिलने के बाद बड़े व्यापारी खुद खेत तक पहुंच जाते हैं. इसके अलावा ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर भी आप फसल की क्वालिटी के अनुसार बेहतर कीमत पर इसे बेच सकते हैं. वर्तमान में इनकी खेत में अंजीर, अदरक, काली हल्दी, अंजीर, बादाम, पिस्ता, इलाइची, चेरी, आंवला, हरड़, बहेड़ा आदि लगे हुए हैं.

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