26 January speech in Hindi: Why do we celebrate Republic Day in India facts Republic Day10 things bhashan – 26 January speech in hindi : हम भारत में गणतंत्र दिवस क्यों मनाते हैं? 10 बातों में जानिए गणंतत्र दिवस से जुड़े फैक्ट,भाषण में भी कर सकते हैं इस्तेमाल, Education News

Republic Day Speech , Essay :भारत 26 जनवरी 2024 को अपना 75वां गणतंत्र दिवस मना रहा है। सिंपल भाषा में समझें तो इस दिन 26 जनवरी 1950 को भारत का संविधान अपनाया गया था और भारत गणतंत्र बना था। समारोह की बात करें तो गणतंत्र दिवस समारोह की शुरुआत में सबसे प्रधानमंत्री अमर जवान ज्योति (इंडिया गेट) पर पुष्प अर्पित करके वीर जवानों को श्रद्धांजली देते हैं। इसके बाद भारत के राष्ट्रपति ध्वजारोहण करते हैं, वायुनेा, थलसेना और नौसेना के जवान आजादी की लड़ाई में शहीद सैनिकों को 21 तोपों की सलामी देते हैं।इसके बाद राष्ट्रगान होता है और वीर चक्र, परमवीर चक्र, अशोक चक्र, महावीर चक्र और कीर्ति चक्र सहित अन्य अवॉर्ड के विजेताओं को अवॉर्ड दिए जाते हैं। राष्ट्रपति को सलामी देते हुए परेड शुरू होती है और इसमें तोपें, मिसाइलें, हथियार आदि को दिखाया जाता है। स्कूलों के बच्चे रंगारंग कार्यक्रम प्रस्तुत करते हैं। यह तो बात रही गणतंत्र दिवस समारोह के बारे में। अब बात करते हैं। इस दिन के इतिहास से जुड़े फैक्ट के बारे में-


जैसा कि आपको पता है कि इस दिन भारत का संविधान लागू हुआ था, तो आपको बता दें कि गणतंत्र भारत के संविधान का मसौदा एक मसौदा समिति ने तैयार किया गया था जिसका नेतृत्व डॉ. बीआर अंबेडकर ने किया था। 

‘भारतीय संविधान’ दुनिया में सबसे लंबा लिखित संविधान है।

गणतंत्र दिवस मनाने का एक मुख्य लक्ष्य भारतीय संविधान का सम्मान करना और हमारे देश के स्वतंत्रता सेनानियों को श्रद्धांजलि देना है जिन्होंने स्वतंत्रता संग्राम के दौरान अपनी जान गंवाई है।


स्वतंत्र भारत के पहले राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद द्वारा 26 जनवरी 1950 को राष्ट्रीय ध्वज फहराए जाने के बाद भारत में गणतंत्र दिवस को राष्ट्रीय अवकाश घोषित किया गया था।

गणतंत्र दिवस 26 जनवरी को इसलिए मनाते हैं, क्योंकि इस दिन साल 1930 में ‘भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस’ ने ब्रिटिश हुकूमत से पूर्ण स्वराज की घोषणा की थी। 

हर साल, किसी अन्य देश या राष्ट्र के राष्ट्रपति या प्रधान मंत्री गणतंत्र दिवस के मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होता है। इस साल मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतह अल-सिसी भारत के गणतंत्र दिवस समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होंगे। 

भारत के पहले गणतंत्र दिवस के मुख्य अतिथि इंडोनेशिया के राष्ट्रपति सुकर्णो थे।

इस कार्यक्रम का अंत 29 जनवरी को विजय चौक पर ‘बीटिंग रिट्रीट सेरेमनी’ के साथ  होता है। इसी के साथ चार दिवसीय गणतंत्र दिवस समारोह का समापन होता है। 

हिन्दी व अंग्रेजी में हाथ से लिखी संविधान की मूल प्रतियां हीलियम गैस से भरे ‘केस’ में भारतीय संसद की पुस्तकालय में रखी हुई हैं। मूल प्रति में 22 भाग, 395 अनुच्छेद और 8 शेड्यूल हैं।

हर साल गणतंत्र दिवस समारोह के अंत में एक ईसाई भजन ‘अबाइड विद मी’ बजाया जाता है। माना जाता है कि यह महात्मा गांधी के पसंदीदा भजनों में से एक था।


 

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