18 Essential Medical Tests To Be Started In Your 30s And Continued Through To Your 50s

किसी भी व्यक्ति की जैसे-जैसे उम्र बढ़ती है उसके शरीर की इम्युनिटी कमजोर होने लगती है. इम्युनिटी कमजोर होने का साफ मतलब है कि वह कभी भी छोटी-बड़ी बीमारी के चपेट में आ सकता है. इसलिए अक्सर यह कहा भी जाता है कि खराब लाइफस्टाइल और खानपान का सीधा असर हमारी हेल्थ पर पड़ता है. तो ऐसे में सवाल उठता है कि एक महिला या पुरुष के जैसे-जैसे  उम्र बढ़ती है यानि जब हम 30, 40 या 50 के पार जाते हैं तो हमें वह कौन-कौन से जरूरी टेस्ट करवानें चाहिए?  इस पूरे मामले पर एबीपी लाइव हिंदी ने ‘सिटी इमेजिंग एंड क्लिनिकल लैब्स’ के संस्थापक और पार्टनर डॉ. आकार कपूर से खास बातचीत की. जो सिटी एक्स-रे एंड स्कैन क्लिनिक प्राइवेट लिमिटेड के सीईओ और लीड मेडिकल एडवाइजर हैं. 

डॉक्टर आकार कपूर कहते हैं कि महिला हो या पुरुष एक बात जरूर याद रखें कि एक खास उम्र के बाद 30, 40, 50 के बाद कुछ जरूरी टेस्ट जरूर करवाएं. साथ ही जिन लोगों की फैमिली हिस्ट्री हार्ट अटैक, कैंसर, गठिया या कोई भी क्रनिक बीमारी, लिवर -किडनी या थायराइ़ड की रही है तो उन्हें तो एक समय के गैप पर टेस्ट जरूर करवाने चाहिए. यह सब ऐसी बीमारियां हैं जिनका पता जितनी जल्दी चलेगा इलाज उतनी जल्दी ही शुरू होगी. साथ ही ठीक होने के चांसेस बढ़ेंगे. 

30 के बाद सभी पुरुषों को करानी चाहिए ये खास टेस्ट

डायबिटीज

डायबिटीज कोई आम बीमारी नहीं है. यह खराब लाइफस्टाइल और खानपान का नतीजा होता है. आज के समय में 1/4 लोग डायबिटीज से पीड़ित हैं. अगर कोई व्यक्ति अपनी लाइफस्टाइल में खास सुधार कर लेता है तो वह डायबिटीज से बच सकता है. ‘न्यू इंग्लैंड जर्नल ऑफ मेडिसिन’ में कहा गया है कि रोजाना 30 मिनट तक एक्सरसाइज करने से डायबिटीज का खतरा 5 प्रतिशत तक कम होता है. साथ ही फल, सब्जियां और फाइबर से भरपूर खाना खाने से डायबिटीज का खतरा 58 प्रतिशत तक कम हो सकता है. 

टेस्टिकुलर कैंसर

कैंसर रिसर्च यूके के मुताबिक 20 से 39 उम्र वाले पुरुषों को अक्सर टेस्टिकुलर कैंसर की बीमारी हो जाती है. अगर वक्त रहे बीमारी का पता चल जाए तो इसे आसानी से ठीक किया जा सकता है. हालांकि इसके शुरुआती लक्षण में हल्का दर्द होता है. ऐसे में आप खुद से जांच कर सकते हैं कि अगर आपके टेस्टिकुलर में हल्का दर्द रह रहा है तो आपको उसकी खुद से जांच कर सकते हैं. साथ ही सूजन पर भी नजर रखें. पहले यह गांठ मटर के दाने का आकार का होता है बाद में यह बढ़ने लगता है. इसलिए खुद से भी आप हर महीने जांच जरूर करें. 

कोलेस्ट्रोल

एलडीएल कोलेस्ट्रॉल यानि बैड कोलेस्ट्रॉल हार्ट अटैक की एक बड़ी वजह होती है. लेकिन क्या आपको पता है दिल की बीमारी के 50 प्रतिशत मामले एलडीएल के लेवल के उतार-चढ़ाव के कारण होता है. हाई बीपी, दिल की बीमारी एलडीएल कोलेस्ट्रॉल के कारण होता है. पुरुषों को हर 5 साल में एक बार अपने कोलेस्ट्रॉल की जांच करवानी चाहिए. 

अक्सर महिलाएं अपने स्वास्थ्य को लेकर लापरवाही बरतती हैं. जब तक शादी और बच्चे नहीं होते लड़कियां एकदम फिट और हेल्दी रहती हैं, लेकिन शादी के बाद महिलाओं में कई तरह के हार्मोंस बदल जाते हैं. खासतौर से बच्चा होने के बाद एक महिला की जिंदगी हर तरह से बदल जाती है. घर परिवार के साथ बच्चों की जिम्मेदारी बढ़ने की वजह से महिलाएं अपने स्वास्थ्य पर बिल्कुल ध्यान नहीं देती हैं. ऐसे में 40 की उम्र तक तो जैसे तैसे काम चल जाता है, लेकिन उसके बाद महिलाओं के शरीर में कई तरह की परेशानियां पैदा होने लगती हैं.

अगर आप 40 के आसपास हैं तो आपको अपनी सेहत को लेकर जरा भी लापरवाही नहीं बरतनी चाहिए. आपको नियमित रूप से कुछ जांच करानी चाहिए, जिससे आपके स्वास्थ्य के बारे में जानकारी हो सके. आज हम आपको 4 ऐसे टेस्ट और बीमारियों के बारे में बता रहे हैं जो 40 पार महिलाओं को जरूर कराने चाहिए.

लिपिड प्रोफाइट कोलेस्ट्रॉल स्क्रीनिंग

इस टेस्ट में खून के नमूने से कोलेस्ट्रॉल की जांच होती है. अगर जरूरत लगे तो आपको ईसीजी भी करवा लेना चाहिए.

सर्वाइकल और ब्रेस्ट कैंसर स्क्रीनिंग

पेप स्मीयर टेस्ट सर्वाइकल कैंसर की जांच के लिए किया जाता है. आपको 40 की उम्र के बाद ये टेस्ट जरूर करवाना चाहिए. इसके अलावा नियमित ब्रेस्ट एग्जामिन करवाना न भूलें. इसके लिए आप हर 2-3 हफ्ते में खुद भी टेस्ट कर सकती हैं. अगर आपको ब्रेस्ट में कही दर्द या किसी तरह की गांठ लगे तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लें.

थायरॉइड टेस्ट

थायरॉइड धीरे-धीरे बॉडी सिस्टम को प्रभावित करता है. 40 की उम्र होने पर डॉक्टर की सलाह से आपको थायरॉइड का टेस्ट भी करवा लेना चाहिए.

विज़न टेस्ट

अगर आप चश्मा पहनती हैं या कॉन्टैक्ट लेंस लगती हैं तो हर साल अपना आई टेस्ट जरूर करवाएं. अगर चश्मा नहीं पहनती तो आप इसे 2 साल में या परेशानी होने पर भी करा सकती हैं.

अक्सर महिलाएं अपने स्वास्थ्य को लेकर लापरवाही बरतती हैं. जब तक शादी और बच्चे नहीं होते लड़कियां एकदम फिट और हेल्दी रहती हैं, लेकिन शादी के बाद महिलाओं में कई तरह के हार्मोंस बदल जाते हैं. खासतौर से बच्चा होने के बाद एक महिला की जिंदगी हर तरह से बदल जाती है. घर परिवार के साथ बच्चों की जिम्मेदारी बढ़ने की वजह से महिलाएं अपने स्वास्थ्य पर बिल्कुल ध्यान नहीं देती हैं. ऐसे में 40 की उम्र तक तो जैसे तैसे काम चल जाता है, लेकिन उसके बाद महिलाओं के शरीर में कई तरह की परेशानियां पैदा होने लगती हैं.

अगर आप 40 के आसपास हैं तो आपको अपनी सेहत को लेकर जरा भी लापरवाही नहीं बरतनी चाहिए. आपको नियमित रूप से कुछ जांच करानी चाहिए, जिससे आपके स्वास्थ्य के बारे में जानकारी हो सके. आज हम आपको 4 ऐसे टेस्ट और बीमारियों के बारे में बता रहे हैं जो 40 पार महिलाओं को जरूर कराने चाहिए.

Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों और सुझाव पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.

 

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