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Kannauj News: कन्नौज के समर पाल ने मामूली सैलरी वाली नौकरी छोड़कर PMFME योजना के तहत आटा चक्की और तेल यूनिट शुरू की, जिससे वे हर महीने ₹60,000 से ज्यादा कमा रहे हैं और दूसरों को रोजगार भी दे रहे हैं.
समर पाल ने शुरू किन आटा चक्की
हाइलाइट्स
- समर पाल ने PMFME योजना से आटा चक्की और तेल यूनिट शुरू की.
- समर पाल हर महीने ₹60,000 से ज्यादा कमा रहे हैं.
- योजना से समर पाल ने दूसरों को भी रोजगार दिया.
कन्नौज: कहते हैं कि अगर इरादे मजबूत हों तो कोई भी रास्ता मुश्किल नहीं होता. कन्नौज शहर के समर पाल इसका एक बेहतरीन उदाहरण हैं. पहले एक कंपनी में मामूली सैलरी पर नौकरी करने वाले समर पाल आज खुद का बिजनेस चला रहे हैं और हर महीने ₹60,000 से ज्यादा कमा रहे हैं. इतना ही नहीं, उन्होंने दूसरों को भी रोजगार देकर मिसाल कायम की है.
समर पाल पहले विशाल ऑटो मोटर्स में काम करते थे, जहां उन्हें ₹21,500 प्रतिमाह सैलरी मिलती थी. लेकिन जिंदगी में कुछ बड़ा करने की चाह ने उन्हें जिला उद्यान विभाग की पीएमएफएमई योजना तक पहुंचाया. योजना के बारे में जानकारी मिलने के बाद उन्होंने 35% सब्सिडी पर लोन लिया और आटा चक्की व तेल निकालने की यूनिट शुरू की. कन्नौज के आरटीओ ऑफिस के पास रहने वाले समर पाल ने एक छोटे से स्थान पर यह बिजनेस शुरू किया. शुरुआत में दिक्कतें जरूर आईं, लेकिन समर ने हार नहीं मानी. आज वह इस यूनिट से अच्छे खासे मुनाफे के साथ एक शख्स को रोजगार भी दे रहे हैं.
योजना ने बदल दी किस्मत
समर पाल बताते हैं कि इस योजना ने उनकी जिंदगी बदल दी. पहले जहां वह किसी के लिए काम करते थे, अब वह खुद के ही मालिक है और अन्य लोगों को रोजगार भी दे रहे हैं. उन्होंने कहा “मैं युवाओं से कहना चाहता हूं कि नौकरी के पीछे भागने की बजाय ऐसी योजनाओं का फायदा उठाएं और खुद का बिजनेस शुरू करें. इससे वे आत्मनिर्भर भी बनेंगे और दूसरों की मदद भी कर सकेंगे.”
क्या कहते हैं अधिकारी?
जिला उद्यान अधिकारी सीपी अवस्थी ने बताया कि PMFME योजना युवाओं के लिए बहुत फायदेमंद है. इसके तहत कोई भी युवा खाद्य प्रसंस्करण से जुड़ा व्यवसाय शुरू कर सकता है. विभाग की ओर से 35% की सब्सिडी भी मिलती है. यह योजना आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक मजबूत कदम है.
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