नई दिल्ली. अगर आप से कोई कहे कि आप एक बड़े इंटरनेशनल बैंक में लाखों रुपये के पैकेज वाली नौकरी छोड़कर किसानी में लग जाइए तो क्या आप उसकी बात मानेंगे? बहुत ज्यादा संभावना है कि आप उन्हें कुछ अच्छे शब्द सुनाएंगे और बात को वहीं खत्म कर देंगे. लेकिन महाराष्ट्र के इन 2 भाइयों ने बताया कि क्यों ये कोई मजाक नहीं बल्कि उद्यमी बनने का सच में एक अच्छा विकल्प हो सकता है. यह कहानी पुणे के पास भोदानी गांव में रहने वाले 2 भाइयों की है. किसान के बेटे जिन्होंने पिता से विरासत में मिले हुनर को निखारा और 200 करोड़ की एक कंपनी खड़ी कर दी.
सत्यजीत और अजीत की कहानी
Two Brothers Organic Farms की नींव
2014 में दोनों भाइयों ने अपने पुश्तैनी खेत पर ‘Two Brothers Organic Farms’ (TBOF) की शुरुआत की. शुरुआत में पानी की कमी, बंजर जमीन और मजदूरों की दिक्कतें आईं. पिता को भी यकीन नहीं था कि ये काम चलेगा. लेकिन भाइयों ने हार नहीं मानी. चार साल की मेहनत से उन्होंने एक मॉडल खड़ा किया जिसमें देशी गाय, मल्टी-क्रॉपिंग, देसी बीज और फॉरेस्ट ट्रीज जैसी पद्धतियां शामिल थीं. इन्हीं प्रयोगों से उनकी मिट्टी जिंदा हुई और फसलें लहलहाईं. 2018 तक, उनका ब्रांड Amorearth पूरी तरह तैयार था.
एक गांव से 5000 एकड़ तक पहुंची क्रांति
A2 घी से अमेरिका तक
TBOF का सबसे चर्चित प्रोडक्ट बना A2 देसी गाय का घी, जो बिलोना विधि से बनता है और इसकी मांग अमेरिका, सिंगापुर और मिडल ईस्ट तक है. इसके अलावा फ्लोर, दालें, मसाले, ऑयल, गुड़ और वेलनेस प्रोडक्ट्स भी कंपनी बनाती है. TBOF के 70% ऑर्डर उनकी वेबसाइट से आते हैं, और बाकी Amazon और ऑफलाइन से. सोशल मीडिया पर वे खेती और किसानों की कहानियां शेयर कर ब्रांड से लोगों का भावनात्मक जुड़ाव बनाते हैं.
निवेश, इनोवेशन और ग्लोबल विस्तार
सिर्फ बिजनेस नहीं, बदलाव की प्रेरणा
2022 में, उन्होंने गणतंत्र दिवस की कमाई का 50% गांव की दो महिलाओं के घर बनाने में दान किया. उनकी टीम में 300 से ज्यादा लोग गांव से ही जुड़े हैं. दुनिया भर के लोग, जैसे कोस्टा रिका से आए पर्यटक, उनसे जैविक खेती सीखने आते हैं.
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