शादी-पार्टियों में आप भी पीते हैं ये चीज? 24 घंटे में ही हो जाएगा शरीर का कबाड़ा, 100 सिगरेट पीने से भी ज्‍यादा करता है नुकसान..

Flavoured Hookah: एक समय था जब लोग किसी शादी या पार्टी में जाते थे तो खाने पर टूट पड़ते थे. लेकिन होटलों से लेकर बैंक्‍वेट हॉल्‍स में आजकल भोजन-पानी के अलावा भी कई ऐसी मजेदार और ट्रेंडी चीजें रहती हैं जो आपको हाई प्रोफाइल और मॉडर्न तो दिखाती ही हैं, बारातियों और घरातियों की भारी भीड़ भी इन्‍हीं चीजों पर अटकी रहती है. सिर्फ युवा ही नहीं बड़े और बच्‍चे भी इनका स्‍वाद लेते दिखाई देते हैं. फ्लेवर्ड या इलेक्‍ट्रोनिक हुक्‍का इन्‍हीं में से एक हैं. आपमें से बहुत से लोगों ने भी वॉटर पाइप मुंह में लगाकर इससे धुआं उड़ाया होगा.

आमतौर पर रंगीन धुएं और स्‍ट्रॉबेरी से लेकर मेंगो, वनीला जैसे करीब 300 फ्लेवरों वाले इन हुक्‍कों को अक्‍सर पार्टियों में छोटे बच्‍चे भी पीते रहते हैं. कई बार तो पेरेंट्स खुद बच्‍चों को हुक्‍का टेस्‍ट कराने के लिए लाइन में लगे होते हैं और इसे अपने पुरखों की विरासत मानकर खूब धुआं उड़वाते हैं. ऐसा इसलिए भी है कि सभी को लगता है कि फ्लेवर्ड हुक्‍का बिना तंबाकू वाला, स्‍वादिष्‍ट टेस्‍ट का मजेदार यंत्र होता है जो हुक्‍का की फील देता है लेकिन नुकसान नहीं करता!

लेकिन अगर आपको इसकी सच्‍चाई पता चल जाएगी तो आपके पैरों तले जमीन खिसक जाएगी. बता दें कि सार्वजनिक समारोहों में लोगों के आकर्षण का केंद्र बने ये आर्टिफिशियल हुक्‍के या वॉटर पाइप्‍स या शीशा पीने के 24 घंटे में आपके शरीर का कबाड़ा करने की ताकत रखते हैं. इन हुक्‍कों का साइड इफैक्‍ट एक दिन में भी दिखाई दे जाता है.

नोएडा के डिस्ट्रिक्‍ट टोबेको कंट्रोल सेल में जिला कंसल्‍टेंट डॉ. श्‍वेता खुराना बताती हैं कि फ्लेवर्ड या ई-हुक्‍का में निकोटीन इस्‍तेमाल होता है. जो लोग ये दावा करते हैं कि इन हुक्‍कों में कोई टोबोको प्रोडक्‍ट नहीं है, वे गलत कहते हैं. इन हुक्‍कों को पहली दफा पीने से बहुत सारे मरीजों को रेस्पिरेटरी संबंधी दिक्‍कतें भी होती हैं. इसके अलावा बहुत सारे ऐसे मरीज भी सामने आ रहे हैं, जिन्‍हें फ्लेवर्ड हुक्‍का पीने के बाद सिगरेट या बीड़ी पीने की लत लगी.

एक भी सैंपल नहीं हुआ पास

डॉ. श्‍वेता बताती हैं कि नोएडा से फ्लेवर्ड या ई हुक्‍का के दर्जनों सैंपल्‍स लैब में टेस्टिंग के लिए भेजे जा चुके हैं, जिनमें यही जांच की जानी थी कि इनमें तंबाकू है या नहीं. ये 100 फीसदी सैंपलों की जांच में तंबाकू पाया गया है. एक भी ऐसा फ्लेवर्ड या इलेक्‍ट्रोनिक हुक्‍का नहीं मिला, जिसमें निकोटीन न हो. इसलिए लोग इस बात को समझ लें कि इन हुक्‍कों में भी तंबाकू प्रोडक्‍ट होते हैं.

100 सिगरेट के बराबर एक हुक्‍का..

डॉ. बताती हैं कि फ्लेवर्ड हुक्‍का या ई हुक्‍का को पीने के बाद निकोटीन का धुआं सीधे फेफड़ों में पहुंचता है. यह बिल्‍कुल ऐसे ही है जैसे पुराने समय में लोग हुक्‍का पीते थे. यह सिगरेट पीने से भी ज्‍यादा खतरनाक है. यहां तक कि एक हुक्‍का 100 सिगरेट के बराबर नुकसान पहुंचाता है.

ये होते हैं हेल्‍थ को नुकसान

. ई हुक्‍का या फ्लेवर्ड हुक्‍का 4-6 बार या इससे ज्‍यादा बार पीने पर एडिक्‍शन आने लगता है और व्‍यक्ति को तंबाकू को किसी भी फॉर्म में लेने की लत लग सकती है.
. फ्लेवर्ड हुक्‍कों में फ्लेवर के लिए कई सारी खतरनाक चीजें जैसे एथेनॉल, बेजाइल एल्‍कोहॉल, बीयर, एथाइल, फेनॉल, मोनोटर्पीन हाइड्रोकार्बन, चारकोल, कई तरह का एसिड आदि मिलाए जाते हैं, जो जहर होते हैं और सेहत को बुरी तरह खराब करते हैं.
. ई-हुक्‍का से फेफड़ों को सीधे नुकसान पहुंचता है. इससे लंग डिसऑर्डर, लंग कैंसर, रेस्पिरेटरी दिक्‍कतें, सांस की बीमारी, ब्‍लैडर और ओरल कैंसर जैसी बीमारियां हो सकती हैं.
. ई हुक्‍का से कार्डियो वैस्‍कुलर डिजीज जैसे हार्ट अटैक, कार्डियक अरेस्‍ट आदि का खतरा पैदा हो जाता है. कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी की रिसर्च भी इस बात की पुष्टि करती है.

नोएडा में भी बंद हो सकते हैं हुक्‍के

आजकल शादियों में बाराती ही नहीं दूल्‍हा-दुल्‍हन तक फ्लेवर्ड हुक्‍का से धुआं उड़ाते मिलते हैं.

आजकल शादियों में बाराती ही नहीं दूल्‍हा-दुल्‍हन तक फ्लेवर्ड हुक्‍का से धुआं उड़ाते मिलते हैं.

डॉ. श्‍वेता कहती हैं कि इन हुक्‍कों से भयंकर नुकसान को देखते हुए कई राज्‍यों और शहरों में सार्वजनिक समारोहों में ई या फ्लेवर्ड हुक्‍का पर रोक लगाई जा चुकी है, जिनमें हरियाणा, कर्नाटक में इन हुक्‍कों पर बैन है. यहां तक कि गुरुग्राम आदि में पब और कैफे में भी इन हुक्‍कों को नहीं पीया जा सकता है. आने वाले समय में शादी-विवाह और पार्टियों में फ्लेवर्ड और ई हुक्‍का पर बैन लग सकती है. इसको लेकर टोबेको कंट्रोल सेल जिलाधिकारी को प्रस्‍ताव भेजने की तैयारी कर रहा है.

Tags: Health News, Lifestyle, Smoking, Smoking Addict

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