हाइलाइट्स
नादिया ने साल 2003 में पार्ले एग्रो कंपनी ज्वाइन किया था.
उस समय कंपनी का टर्नओवर सिर्फ 300 करोड़ रुपये था.
साल 2017 तक कंपनी का रेवेन्यू 4,200 करोड़ पहुंच गया.
नई दिल्ली. बिजनेस करना और उसे सफल बनाना दोनों ही एक नदी के दो छोर हैं और इन दोनों छोर को मिलाने वाला ही दूसरों के लिए नजीर पेश करता है. ऐसी ही कुछ नजीर पेश की है पार्ले एग्रो की मालकिन नादिया चौहान ने. नादिया ने न तो विदेश से पढ़ाई की और न ही कोई बड़ी डिग्री हासिल की. सिर्फ पिता जी के दिए तजुर्बो के दम पर 300 करोड़ की कंपनी को 8000 करोड़ की पूंज में बदल दिया.
नादिया ने साल 2003 में अपने पिता प्रकाश चौहान के साथ पार्ले एग्रो (Parle Agro) कंपनी ज्वाइन किया था. उस समय कंपनी का टर्नओवर सिर्फ 300 करोड़ रुपये था. साल 2017 तक आते-आते कंपनी का रेवेन्यू 4,200 करोड़ रुपये पहुंच गया, जबकि 2022-23 में 8,000 करोड़ रुपये का राजस्व हासिल कर लिया. इस सफलता के पीछे नादिया का ही दिमाग बताया जाता है.
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बचपन से ही सीखा कारोबारी गुर
फोर्ब्स के अनुसार, नादिया ने बचपन से ही कारोबारी गुर सीखने शुरू कर दिए थे और अपना खाली समय पिता के साथ कंपनी के मुंबई स्थित हेडक्वार्टर में बिताने लगीं. 37 वर्षीय नादिया अभी कंपनी की चीफ मार्केटिंग ऑफिसर और ज्वाइंट डायरेक्टर हैं. उनकी बड़ी बहन शाउना चौहान कंपनी की सीईओ हैं.
नादिया के पैदा होने पर बनी थी कंपनी
पार्ले एग्रो कंपनी की शुरुआत भी साल 1985 में हुई थी, जब नादिया का जन्म हुआ था. तब उनके पिता प्रकाश चौहान स्वीडिश कंपनी के मैंगो प्रोडक्ट को टेट्रा पैक में बनाते थे. नादिया ने ग्रेजुएशन पूरा करने के बाद 17 साल की उम्र में ही कंपनी ज्वाइन कर ली थी. तब उन्होंने देखा कि कंपनी की 95 फीसदी कमाई सिर्फ एक ही प्रोडक्ट फ्रूटी से होती है.
2005 में लांच किया अपना प्रोडक्ट
नादिया ने अपना फोकस अन्य प्रोडक्ट की तरफ भी बढ़ाया और साल 2005 में एपी फिज (Appy Fizz) लांच किया जो काफी पॉपुलर प्रोडक्ट बन गया. इसके बाद उनकी कंपनी ने तमाम अन्य प्रोडक्ट लांच किए जिसमें देश का पहला नीबू पानी भी शामिल रहा. इसके बाद अपनी बहन के साथ मिलकर कई मैन्युफैक्चरिंग यूनिट लगाई और प्रोडक्शन बढ़ाना शुरू कर दिया.
नए कलेवर में उतारी फ्रूटी
नादिया ने अपनी बहन के साथ मिलकर साल 2015 में फ्रूटी को नए कलेवर में उतारा. कुछ मीडिया रिपोर्ट में बताया गया कि कंपनी का 48 फीसदी बिजनेस सिर्फ फ्रूटी से आने लगा. इतना ही नहीं कंपनी का बोतलबंद पानी का ब्रांड बैले (Bailey) भी काफी पसंद किया गया और अकेले 1,000 करोड़ का बिजनेस दिया. नादिया का लक्ष्य है कि साल 2030 तक कंपनी का राजस्व 20 हजार करोड़ रुपये तक पहुंचाया जाए. इस कंपनी ने Thums Up, Limca, Gold Spot, Citra और Maaza जैसे प्रोडक्ट बाजार में उतारे हैं.
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FIRST PUBLISHED : February 15, 2024, 07:43 IST