हाइलाइट्स
गोविंद ढोलकिया गरीब किसान परिवार में जन्में.
केवल सातवीं तक पढ़े हैं गोंविद ढोलकिया.
सामाजिक कार्यों में लेते हैं बढ़-चढ़कर हिस्सा.
सक्सनई दिल्ली. गुजरात के हीरा कारोबारी गोविंद ढोलकिया (Govind Dholakia) को भारतीय जनता पार्टी ने गुजरात से राज्यसभा का उम्मीदवार बनाया है. 74 साल के ढोलकिया अपने कई कामों के लिए देश में चर्चा मे रहे हैं. अपने पैतृक गांव के प्रत्येक घर में फ्री में सोलर पैनल लगाने, कर्मचारियों को महंगे गिफ्ट देने और अयोध्या में बन रहे राम मंदिर को 11 करोड़ रुपये दान देकर सुर्खियों में आए गोविंद ढोलकिया की कंपनी श्री राम कृष्णा एक्सपोर्ट्स प्राइवेट लिमिटेड देश की डायमंड का व्यापार करने वाली प्रमुख कंपनियों में शामिल हैं. गोविंद ने 1970 में कपंनी की स्थापना की थी.
गोविंद ढोलकिया का जन्म गुजरात के अमरेली जिले के दुधाला गांव में गरीब किसान परिवार में हुआ. वे कुल 7 भाई बहन थे और उनके बचपन गरीबी में बीता. वे केवल सातवीं कक्षा तक ही पढाई कर पाए. ढोलकिया ने अपनी आत्मकथा में बताया कि वे 1964 में परिवार की जरूरतों को पूरा करने के लिए सूरत आए थे. सूरत आकर उन्होंने कंपनी में हीरे की पॉलिश करना शुरू कर दिया.
उधार ले शुरू किया काम
अपनी आत्मकथा ‘डायमंड्स आर फॉरऐवर, सो आर मोरल्स’ में गोविंद ढोलकिया ने बताया है कि कई दिन कहीं और काम करने के बाद उन्होंने ब्रोकर से सीधे हीरे लेकर उन्हें पॉलिश करने की ढानी. जब वे ब्रोकर के पास गए तो उसने कम से कम दस हीरे लेने को कहा. दिक्कत यह थी ब्रोकरेज के साथ दस हीरे वो 920 रुपये में दे रहा था और ढोलकिया के पास 500 रुपये ही थे. उन्होंने अपने दोस्त से उधार 420 रुपये उधार लेकर हीरे पॉलिस करने को लिए. इस पहले काम से उन्हें 10 फीसदी मुनाफा हुआ.
इसके बाद तो ढोलकिया ने पीछे मुड़कर नहीं देखा. अपने दोस्त के साथ उन्होंने 1970 में श्री रामाकृष्णा एक्सपोर्ट की नींव रखी. आज उनका नाम गुजरात की डायमंड सिटी सूरत के प्रतिष्ठित हीरा कारोबारियों में गोविंद ढोलकिया का नाम शुमार है. उनकी कंपनी अमेरिका, हांगकांग, थाईलैंड और जापान आदि देशों में हीरे निर्यात करती है. हीरा व्यापारी होने के साथ-साथ गोविंद ढोलकिया कई गुजराती सामाजिक संस्थाओं से भी जुड़े हैं.
पैतृक गांव के हर घर पर लगाए सोलर पैनल
ढोलकिया के श्री राम कृष्ण नॉलेज फाउंडेशन (SRKKF) ने अपने पैतृक गांव दुधाला में 232 घरों, दुकानों और अन्य प्रतिष्ठानों में कुल 276.5 किलोवाट क्षमता के सौर ऊर्जा संयंत्र लगाए गए हैं. गांव में सिर्फ उन्हीं घरों में सौर पैनल नहीं लग पाए हैं जो सालभर से बंद पड़े हुए थे. ढोलकिया अपनी कंपनी के कर्मचारियों को महंगे गिफ्ट भी देते हैं. वर्तमान में उनकी कंपनी में करीब 6000 कर्मचारी काम करते हैं.
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FIRST PUBLISHED : February 16, 2024, 12:17 IST