राजस्थान में अनार की खेती से किसानों की हुई बल्ले-बल्ले, सालाना 10 अरब का होता है बिजनेस

मनमोहन सेजू/बाड़मेर. दूर तलक फैले अनार के बाग के बीच अनार तोड़ती महिलाओं की तस्वीर कोई जम्मू कश्मीर या हिमाचल प्रदेश के फॉर्म हाउसों के नही बल्कि पश्चिम राजस्थान में पानी की कमी के लिए पहचान रखने वाले बाड़मेर की है. राजस्थान के रेगिस्तान में खेती करना अपने आप में मुश्किल काम है. पानी की कमी, मौसम की अनिश्चितता जैसी मुश्किलों से जूझते हुए रेगिस्तान में अनार की खेती से किसान मालामाल हो गए है. जी हां बाड़मेर में करीब 4 हजार से अधिक किसान अनार से 10 अरब का व्यवसाय कर रहे है. इतना ही नही रेत के टीलों के बीच अनार की बंपर पैदावार से किसान नई इबारत लिख रहे है.

कभी यहां के लोग पानी की एक एक बूंद की लिए तरसते थे उसी जमीन पर अब किसान नई इबारत लिख रहे है. यहां के किसानों ने विपरीत परिस्थितियों के बावजूद सात समंदर पार तक अपनी अमिट छाप छोड़ दी है. पश्चिम राजस्थान के थार नगरी में अनार की खेती से नया उजियारा फैल रहा है. यहां 14 हजार हैक्टेयर में सालाना 10 अरब का अनार उत्पादित हो रहा है. बाड़मेर जिले के भीमड़ा, चौहटन, जालीपा, उण्डू, बाखसार, गुड़ामालानी, रामजी का गोल और बालोतरा जिले के बुड़ीवाड़ा, पादरू, समदड़ी, सिवाना, मोकलसर सहित कई गांवों के किसान अनार से अच्छा मुनाफा कमा रहे है.

यहां का अनार जाता है सात समंदर पार
बाड़मेर में 14 हजार हैक्टेयर में सालाना 1.50 लाख टन अनार का उत्पादन हो रहा है. इतना ही अनार की खेती पर कृषि विभाग किसानो की सब्सिडी भी देती है. एक हैक्टेयर में करीब 800 अनार के पौधे लगते है. कृषि विभाग उद्यान के उप निदेशक बनवारी लाल बताते है कि यहां का अनार सात समंदर पार तक जाता है. साल 2010 से लेकर 2018 तक 8 हजार 280 हैक्टेयर में अनार की खेती की जाती थी. अब यहां 14 हजार हैक्टेयर में अनार की खेती हो रही है जिससे सालाना डेढ़ लाख टन उत्पादन हो रहा है.

सालाना 10 अरब का व्यवसाय
कृषि अधिकारी बाबूराम राणावत के मुताबिक देश मे सबसे अधिक अनार उत्पादन महाराष्ट्र में होता है. इसके बाद गुजरात और फिर तीसरे नम्बर पर राजस्थान में अनार का उत्पादन होता है. थार का अनार नेपाल, बांग्लादेश, ईरान, यूएसए, चीन,फ्रांस में सर्वाधिक अनार की सप्लाई की जाती है. इससे सालाना 10 अरब का व्यवसाय होता है.

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