Last Updated:
फर्रुखाबाद के हारून ने थोड़ी पूंजी से अचार का कारोबार शुरू किया, जो अब कई जिलों में लोकप्रिय है. उनके खट्टे, मीठे और मिक्स अचार की डिमांड बढ़ रही है, जो विभिन्न साइज में पैक होकर बेचे जाते हैं.
X

फर्रुखाबाद में तैयार होने लगी दशहरी आम की फसल
हाइलाइट्स
- हारून ने थोड़ी पूंजी से अचार का कारोबार शुरू किया.
- अचार की मांग कई जिलों में बढ़ी, जिससे आमदनी बढ़ी.
- खट्टे, मीठे और मिक्स अचार विभिन्न साइज में बेचे जाते हैं.
सत्यम कटियार/फर्रुखाबाद- कहते हैं अगर मन में कुछ बड़ा करने का जज्बा हो तो किस्मत भी साथ देती है. फर्रुखाबाद के कस्बा कमालगंज के निवासी हारून ने थोड़ी सी पूंजी से अचार बनाने का कारोबार शुरू किया था. आज उनके बनाए स्पेशल अचार की मांग कई जिलों में काफी बढ़ गई है.
तगड़ी डिमांड में बिक रहा स्वादिष्ट अचार
हारून के द्वारा बनाए गए अचार को विभिन्न साइज़ के पैकेटों में भरकर बेचा जाता है. खट्टा, मीठा और मिक्स अचार खासतौर पर आम, नींबू, कटहल, मिर्च, लहसुन आदि के मिश्रण से तैयार किए जाते हैं. इन अचारों की तगड़ी डिमांड है, जो उनकी आमदनी का मुख्य स्रोत बन चुका है.
हारून के द्वारा बनाए गए अचार को विभिन्न साइज़ के पैकेटों में भरकर बेचा जाता है. खट्टा, मीठा और मिक्स अचार खासतौर पर आम, नींबू, कटहल, मिर्च, लहसुन आदि के मिश्रण से तैयार किए जाते हैं. इन अचारों की तगड़ी डिमांड है, जो उनकी आमदनी का मुख्य स्रोत बन चुका है.
आसपास के जिलों में भी बढ़ रही है पहचान
हारून बताते हैं कि उनका अचार न केवल फर्रुखाबाद बल्कि कन्नौज, शाहजहांपुर, बरेली समेत कई अन्य जिलों में भी खूब बिकता है. शुद्धता और बेहतरीन स्वाद के कारण ग्राहक इसे बार-बार खरीदते हैं, जिससे कारोबार में लगातार वृद्धि हो रही है.
अचार बनाने की खास रेसिपी
हारून ने बताया कि सबसे पहले आम को पेड़ से तोड़ा जाता है और साफ-सफाई के बाद नमक लगाकर सूखने के लिए रखा जाता है. इसके बाद उसमें मसाले मिलाकर डिब्बों में पैक किया जाता है. अचार को 250 ग्राम से लेकर 5 किलो तक के पैकेटों में बांटा जाता है, जो बाजार में 20 रुपये से शुरू होकर उच्च मात्रा में बिक्री के लिए उपलब्ध होते हैं.
हारून ने बताया कि सबसे पहले आम को पेड़ से तोड़ा जाता है और साफ-सफाई के बाद नमक लगाकर सूखने के लिए रखा जाता है. इसके बाद उसमें मसाले मिलाकर डिब्बों में पैक किया जाता है. अचार को 250 ग्राम से लेकर 5 किलो तक के पैकेटों में बांटा जाता है, जो बाजार में 20 रुपये से शुरू होकर उच्च मात्रा में बिक्री के लिए उपलब्ध होते हैं.
हारून की मेहनत और जज्बे ने साबित किया है कि छोटी पूंजी से भी बड़े सपने पूरे किए जा सकते हैं. आज उनका स्वादिष्ट अचार इलाके के लोगों के साथ-साथ आस-पास के जिलों में भी खुशियों का स्वाद बढ़ा रहा है.
.