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Hemant Kumar Birthday: 16 जून यानी आज हेमंत कुमार की जयंती है जिन्हें उनके समकालीन संगीतकारों, गायकों ने भगवान की आवाज कहा है और श्रोताओं ने जिनके संगीत और स्वर को मंदिर में जलते दीये की लौ जैसा पाया है.खासतौ…और पढ़ें

सुरों के सरताज ने चमकाया देवानंद का करियर
हाइलाइट्स
- हेमंत कुमार का जन्म 16 जून 1920 को हुआ था.
- हेमंत कुमार की आवाज ने देवानंद को रोमांस का बादशाह बनाया.
- मौसमी चटर्जी हेमंत कुमार की बहू हैं.
नई दिल्ली. देवानंद के चेहरे पर वो जो मासूमियत और मोहब्बत दिखती थी, उसे आवाज दी थी हेमंत कुमार ने. उनकी मखमली और रूमानी आवाज ने जैसे देवानंद के किरदारों में जान भर दी. ‘है अपना दिल तो आवारा’, ‘ये रात ये चांदनी फिर कहां’, और ‘तेरी दुनिया में जीने से तो…’ जैसे गानों में हेमंत दा की आवाज ने देवानंद को बना दिया बॉलीवुड का ‘रोमांटिक किंग’.
दिल को छू लेते थे गाने
म्यूजिक डायरेक्टर बनकर कमाया नाम
1958 की फिल्म ‘सोलहवां साल’ का ‘है अपना दिल तो आवारा…’ तो जैसे देवानंद की सिग्नेचर स्टाइल बन गया. इसमें हेमंत की आवाज़, देवानंद का अंदाज़ और पंचम दा (R.D. बर्मन) का म्यूजिक – सबने मिलकर जादू रच दिया.हेमंत कुमार सिर्फ गायक नहीं, शानदार संगीतकार भी थे. ‘नागिन’ (1954) का म्यूजिक ऐसा हिट हुआ कि उन्हें फिल्मफेयर अवॉर्ड मिला. ‘मन डोले मेरा तन डोले’ कौन भूल सकता है? ‘बीस साल बाद’, ‘खामोशी’, और ‘कोहरा’ जैसी फिल्मों के गानों में उन्होंने संगीत भी दिया और खुद भी गाया.
हेमंत दा की बहू हैं मौसमी चटर्जी
बता दें कि उन्होंने बांग्ला फिल्मों में भी खूब गाया. खासकर उत्तम कुमार के लिए उनके गाने बंगाल में आज भी सुपरहिट हैं. और हां, वो पहले भारतीय प्लेबैक सिंगर थे जिन्होंने हॉलीवुड के लिए भी गाया था.उन्हें अमेरिका की नागरिकता भी मिली और Gramophone Company of India ने उन्हें 50 साल की संगीत यात्रा के लिए सम्मानित किया.साल 1980 में दिल का दौरा पड़ने से उनकी आवाज थोड़ी खराब हो गई थी. लेकिन उन्होंने गाना नहीं छोड़ा. 26 सितंबर 1989 को हेमंत दा इस दुनिया से चले गए. लेकिन उनकी आवाज आज भी अमर है.
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