हाइलाइट्स
अशोक मित्तल के पिता की जालंधर में मिठाई की दुकान.
मित्तल ने लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी की स्थापना की.
आज ऑटो और बेकरी में भी फैला है उनका बिजनस.
Success Story: किसे पता था कि पंजाब में मिठाई बेचने वाला एक शख्स आज भारत की सबसे बड़ी प्राइवेट यूनिवर्सिटी का मालिक बन जाएगा. अशोक कुमार मित्तल (Ashok Kumar Mittal) ने जब लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी (Lovely Professional University) की शुरुआत की थी तो कुछ लोग यह कहकर उनका मजाक उड़ाते थे कि अब मिठाई बेचने वाले डिग्री बांटेंगे. लेकिन आज यह देश की सबसे बड़ी प्राइवेट यूनिवर्सिटी है, जिसका कैंपस 600 एकड़ में फैला हुआ और इसमें 50 देशों के करीब 35,000 बच्चे पढ़ रहे हैं.
वो कहते हैं न कि अगर मन में जज्बा हो तो किसी भी लक्ष्य को हासिल करना मुश्किल नहीं. कुछ ऐसी ही कहानी है लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी और लवली ग्रुप के फाउंडर अशोक कुमार मित्तल की जो आज केवल एजुकेशन ही नहीं बल्कि ऑटोमोबाइल, होटल चेन और रियल स्टेट में भी अपना नाम कर चुके हैं. आज अशोक कुमार मित्तल 58 साल के हैं. आइए एक नजर डालते हैं उनके सफर पर…
500 रुपये कर्ज लेकर खोली थी दुकान
यह समय था 1961 का जब अशोक के पिता बलदेव राज मित्तल ने अपने एक दोस्त से 500 रुपये का कर्ज लेकर जालंधर में मिठाई की दुकान खोली और उसका नाम रखा लवली स्वीट्स. उस समय पंजाब में मोटी बूंदी वाली लड्डू का प्रचलन था. बलदेव राज ने मोतीचूर के लड्डू बनाए और यह हिट हो गया. अशोक मित्तल के मुताबिक वह अपने स्टोर में काफी साफ-सफाई रखते थे और उनकी मिठाइयां शीशे में बॉक्स में ढकी हुई रहती थीं जिससे ग्राहक खींचे चले आते थे. इससे उनकी दुकान पॉपुलर होने लगी और 1969 तक शहर में उन्होंने तीन दुकानें खोल लीं. अगर आज की बात करें तो उनके जालंधर और उसके आसपास दस से ज्यादा स्वीट स्टोर हैं. साथ ही उन्होंने बेकरी का काम भी शुरू किया है.
कैसे मिली सफलता?
लॉ में ग्रेजुएशन करने के बाद अशोक मित्तल ने अपनी फैमिली बिजनस को जॉइन कर लिया. अशोक के मुताबिक उन्हें बिजनस के गुर समझने में पिता ने उनकी बहुत मदद की. अशोक बताते हैं कि उनके पिता नए बिजनस में उतरने से नहीं डरते थे और यही गुण अशोक मित्तल में भी था. अशोक ने जब 1991 में बजाज स्कूटर की डीलरशिप के लिए अप्लाई किया तो बजाज ने उनकी एप्लिकेशन यह कहकर खारिज कर दी थी कि उनकी हालत इतनी भी खराब नहीं हुई है कि लड्डू बेचने वालों को अपनी डीलरशिप दें. लेकिन जब बजाज वाले जालंधर आए और उन्हें मित्तल की कारोबारी क्षमता का पता चला तो उन्होंने डीलरशिप चलाने के लिए ऑफर दे दिया.
इसके बार मित्तल परिवार को 1996 में मारुति की डीलरशिप भी मिली. आज जालंधर और उसके आसपास लवली ऑटो के 25 से ज्यादा स्टोर हैं. मित्तल परिवार सिर्फ इतने में ही नहीं रुका. इसके बाद आया लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी का नंबर. मित्तल परिवार ने समाज की बेहतरी का लक्ष्य लेकर इस यूनिवर्सिटी की स्थापना की. इस समय पंजाब में कोई प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी नहीं थी. साल 1999 में उन्होंने अपना संस्थान खोला और इसे नाम दिया इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट स्टडीज. इसे पंजाब टेक्निकल यूनिवर्सिटी (PTU) से रजिस्टर्ड कराया गया.
करोड़ों का है टर्नओवर
मित्तल ने 2003 में यूनिवर्सिटी का दर्जा पाने के लिए पंजाब सरकार को आवेदन दिया और 2005 में इसे यूनिवर्सिटी का दर्जा मिल गया. इसे नाम दिया गया लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी. यूनिवर्सिटी का पहला सेशन साल 2006 शुरू हुआ. अभी इसमें दुनिया के 50 से अधिक देशों के छात्र पढ़ाई कर रहे हैं. इसमें करीब 35 हजार छात्र हैं. वहीं, इसका कैंपस 600 एकड़ के इलाके में फैला है और इसमें 3,500 से ज्यादा एकेडमिक स्टाफ है. लवली ग्रुप का कुल सालाना टर्नओवर 1,135 करोड़ रुपये है और कुल 5,500 लोगों का स्टाफ है. ग्रुप अब रियल एस्टेट, ईवी, चार्जिंग सेंटर, बैटरी निर्माण, आफ्टर सर्विस और रिटेल में भी उतरने की योजना बना रहा है.
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Tags: Business news, Success Story
FIRST PUBLISHED : April 16, 2024, 12:48 IST