पार्ले-जी कब बना जीनियस, अमीरों का स्नैक आम लोगों तक पहुंचाया, विदेशी कंपनियों को चटाई धूल

नई दिल्ली. पार्ले-जी के नाम से देश में लगभग हर कोई वाकिफ होगा. बच्चे से लेकर बूढ़े तक इस बारे में जानते होंगे. पार्ले-जी में पार्ले शब्द मुंबई स्थित पार्ले से आया है क्योंकि कंपनी की शुरुआत वहीं से हुई थी. इसकी स्थापना मोहनलाल दयाल ने की थी. वह पहले कैंडी बनाते थे. 1928 में उन्होंने कैंडी कंपनी शुरू की लेकिन 1938 आते-आते उन्होंने सारा फोकस बिस्किट पर कर दिया. इसका एक बड़ा कारण यह था कि तब तक देश में केवल अंग्रेज या फिर अमीर देसी ही बिस्किट खा पाते थे.

बिस्किट को एलिट लोगों का खाना माना जाता था. मोहन दयाल को इसमें अवसर दिखा और उन्होंने देश में बिस्किट बनाने के बारे में सोचा. इस बात को स्वदेशी आंदोलन से समर्थन भी मिला. सही समय पर सही प्रोडक्ट बाजार में आया और उम्मीद के मुताबिक इसे खूब पसंद भी किया जाने लगा.

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जी माने?
भले ही विज्ञापनों में जी का मतलब जीनियस बताया जाता हो. लेकिन मूल रूप से पार्ले जी में जी का मतलब ग्लूको था. अगर आप इसके पुराने पैकेट देखेंगे तो आपको उस पर पार्ले ग्लूको लिखा ही दिखेगा. ग्लूको इसलिए क्योंकि बिस्किट में ग्लूकोज होने का दावा किया गया था. बहरहाल, कई सालों तक पार्ले-जी ने बाजार में खूब धमाल मचाया. कम दाम में अच्छा प्रोडक्ट मिलने से लोगों ने इसे हाथों-हाथ लिया. लेकिन 1960 के दशक में ब्रिटानिया की एंट्री हुई और पार्ले जी को कॉम्पिटीशन मिलने लगा. ब्रिटानिया ने भी इसी तरह का बिस्किट बाजार में उतारा और लोग कंफ्यूज होने लगे.

नई रणनीति
पार्ले-जी ने अपनी रणनीति में बदलाव किया और पैकेजिंग बदल दी. पार्ले ग्लूको अब पार्ले-जी हो गया और उस पर एक छोटी बच्ची की तस्वीर लगा दी गई. पार्ले-जी ने अपने पैकेट के दाम में कभी कोई खास बदलाव नहीं किया. पिछले कई दशकों से पार्ले-जी का 5 रुपये वाला बिस्किट उसका सबसे ज्यादा बिकने वाला बिस्किट बना हुआ है. कंपनी ने पैकेट का साइज घटाते हुए 25 साल से पार्ले-जी के 5 रुपये वाले बिस्किट की कीमत उतनी ही बनाए रखी. जो बिस्किट पैकेट कभी 100 ग्राम का था आज वह 55 ग्राम का रह गया.

आज का पार्ले-जी
पार्ले अब 3 अलग-अलग कंपनियों में बंट चुकी है. पार्ले-जी बनाने वाली कंपनी का नाम पार्ले प्रोडक्ट्स है. इसके पास मोनेको, क्रैकजैक, मिलानो और हाइड एंड सीक जैसे बिस्किट ब्रांड हैं. पार्ले जी 2013 में पहला ऐसा एफएमजीसी ब्रांड बना था जिसने खुदरा बाजार में 5000 करोड़ रुपये की बिक्री की थी. पार्ले-जी चीन में किसी भी अन्य बिस्किट ब्रांड से ज्यादा खाया जाता है. 2018-20 में पार्ले जी के 8000 करोड़ रुपये के बिस्किट बिके थे.

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