हाइलाइट्स
संपत्ति के मामले में वह देश का दूसरा सबसे अमीर आदमी है.
गरीबी से जूझ रहे अपने देश को उन्होंने लाखों रुपये दान कर दिए.
उनकी गैराज में मर्सिडीज सहित आधा दर्जन लग्जरी गाडि़यां खड़ी हैं.
नई दिल्ली. सफलता की यह कहानी है सरहद पार की है. जहां एक भारतीय ने सफलता के ऐसे झंडे गाड़े कि पड़ोसी देश का पहला अरबपति बन गया. आज भी संपत्ति के मामले में वह देश का दूसरा सबसे अमीर आदमी है. उनकी शानो शौकत का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि भुखमरी और गरीबी से जूझ रहे अपने देश को उन्होंने लाखों रुपये दान कर दिए. आज भी उनकी गैराज में मर्सिडीज और रॉल्स रॉयल्स जैसी करीब आधा दर्जन लग्जरी गाडि़यां खड़ी हैं.
दरअसल, हम बात कर रहे हैं मियां मोहम्मद मंशा की, जिनका जन्म साल 1941 में भारत में हुआ था. बंटवारे के बाद 1947 में उनका परिवार पाकिस्तान चला गया. वहां उनके परिवार ने अपना बिजनेस शुरू किया और आज देश के बड़े उद्योगपतियों में नाम शुमार है. मंशा पाकिस्तान के पहले अरबपति भी हैं और आज भी उनका नाम देश के अमीरों की सूची में दूसरे नंबर पर आता है. मंशा का नाम न सिर्फ देश के बड़े उद्योगपतियों में शामिल है, बल्कि दानवीरों की सूची में भी उन्हें अग्रणी तौर पर शामिल किया जाता है.
एकसाथ कई कारोबार में सफलता
मंशा ने पाकिस्तान में जाकर एक साथ कई तरह के कारोबार में हाथ डाला. खासतौर से उन्हें मार्केट प्रोडक्ट बनाने और स्थानीय बिजनेस को स्थापित करने में सफलता मिली. आज उनका सभी तरह का बिजनेस सफल है और पाकिस्तान में शाहित खान के बाद दूसरे नंबर के अरबपति बन गए हैं.
आज कितनी है कुल संपत्ति
रिपोर्ट के अनुसार, मंशा की मौजूदा नेट वर्थ करीब 5 अरब डॉलर (43 हजार करोड़ रुपये) है. इतनी संपत्ति होने के बाद भी मंशा बेहद सरल जीवन व्यतीत करते हैं. मंशा के पास कई लग्जरी कारें भी हैं. इनमें Mercedes E-Class, Jaguar convertible, Porsche, BMW 750, Range Rover और Volkswagen प्रमुख हैं.
भारत में कपास का था कारोबार
मंशा के पिता भारत के कोलकाता में रहत थे और बंटवारे से पहले यहां कपास का कारोबार करते थे. पाकिस्तान जाकर उनके पिता ने निशात टेक्सटाइल्स मिल्स के नाम से फैक्ट्री डाली और पिता की मौत के बाद मंशा ने कारोबार संभाला. निशात ग्रुप पाकिस्तान का सबसे बड़ा कॉटन कपड़ों का निर्यातक है और इस समूह ने सबसे ज्यादा रोजगार भी दिए हैं. कॉटन बिजनेस के अलावा यह कंपनी पावर प्रोजेक्ट, सीमेंट, बैंक और इंश्योरेंस बिजनेस में भी शामिल है.
दान करने में भी आगे
ऐसा नहीं है कि मियां मोहम्मद मंशा का नाम सिर्फ उद्योगपति के तौर पर लिया जाता है. उन्हें एक दानवीर के तौर पर भी लोग बखूबी जानते हैं. हाल में उनहोंने प्रधानमंत्री बाढ़ राहत कोष में भी 69 लाख रुपये की राशि जमा कराई थी. मंशा को राष्ट्रपति परवेश मुर्शरफ की ओर से साल 2004 में नागरिकता पुरस्तार सितारा-ए-इम्तियाज से भी नवाजा गया था.
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FIRST PUBLISHED : April 5, 2024, 15:33 IST