अगर आप भी सोचते हैं कि सिर्फ अच्छी पढ़ाई और डिग्री ही सफलता की गारंटी हैं तो समीर वासवदा (Samir Vasavada) की कहानी आपकी सोच को बदलने के लिए काफी है. यह कहानी एक ऐसे भारतीय मूल के लड़के की है, जिसने हाई स्कूल में पढ़ाई छोड़ दी और पढ़ाई छोड़ने की वजह से माता-पिता की नाराजगी झेली. लेकिन अपने जुनून और मेहनत से एक उसने बिलियन डॉलर कंपनी खड़ी कर दी. कंपनी का नाम वाइस (Vise) है.
12 साल की उम्र में समीर ने नॉर्थवेस्टर्न यूनिवर्सिटी के एक समर प्रोग्राम में हिस्सा लिया. यहां उनकी मुलाकात रुनिक मेहरोत्रा से हुई. रुनिक आगे चलकर उनके बिज़नेस पार्टनर बने. उसी समय प्रोग्राम के बाद दोनों ने साथ में ऐप्स और सॉफ्टवेयर बनाना शुरू किया.
स्कूल छोड़ने का फैसला और संघर्ष की शुरुआत
वे अकेले सैन फ्रांसिस्को आ गए और एक सस्ते और शेयरिंग में मकान लेकर रहने लगे. इस इलाके का नाम था टेंडरलॉइन. आमतौर पर यहां गरीब लोग रहते हैं. वहीं से उन्होंने अपने सपनों को हकीकत में बदलने की शुरुआत की.
16 साल की उम्र तक वे निवेश बैंकों के लिए AI सलाह देने लगे थे. उन्हें महसूस हुआ कि फाइनेंशियल एडवाइजरों के पास आज के जमाने की तकनीक नहीं है. वहीं से वाइस (Vise) की नींव पड़ी.
वाइस की शुरुआत और बड़ी चुनौतियां
दोनों के पास सैन फ्रांसिस्को में रहने के पैसे नहीं थे. टीम को तनख्वाह देने के पैसे नहीं थे, इसलिए उन्हें कंपनी के शेयर बांटने पड़े. करीब 1,000 निवेशकों ने उनके प्रस्ताव को ठुकरा दिया, क्योंकि वे बहुत छोटे थे और कॉलेज ड्रॉपआउट भी थे. यहां तक कि एक नामी और बड़े निवेशक विनोद खोसला ने भी पैसा लगाने से इनकार कर दिया.
पहली सफलता और बड़ा मुकाम
मुश्किलों के बीच एक निवेशक ने वाइस में 100,000 डॉलर लगाए. फिर फाउंडर्स फंड से 2 मिलियन डॉलर मिले, और बाद में मशहूर कंपनी सीकोइया कैपिटल से 14.5 मिलियन डॉलर की फंडिंग मिली.
क्या काम करती है वाइस
वाइस का मकसद है कि हर व्यक्ति को बेहतर निवेश की सुविधा मिले. इसका प्लेटफॉर्म फाइनेंशियल एडवाइजरों को पोर्टफोलियो बनाना, टैक्स की प्लानिंग करना और क्लाइंट्स से जुड़ने में मदद करता है. इसे “स्पॉटिफाई रैप्ड फॉर इन्वेस्टमेंट” कहा गया है.
परिवार, संघर्ष और खुद की पहचान
समीर की प्रोफेशनल लाइफ के साथ-साथ उनकी पर्सनल लाइफ में भी संघर्ष था. हाई स्कूल छोड़ने के बाद परिवार से दूरियां बढ़ीं, लेकिन समय के साथ रिश्तों में सुलह हुई.
आज समीर 2025 में वाइस को और आगे ले जाने में लगे हैं. उनका सपना है कि वाइस एक ऐसा प्लेटफॉर्म बने जो हर इंसान के लिए पर्सनल इन्वेस्टमेंट का रास्ता खोले.
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