नई दिल्ली. योगगुरु बाबा रामदेव के मालिकाना हक वाली कंपनी पतंजलि फूड्स लिमिटेड ने हाल ही में वित्त वर्ष 2025 की चौथी तिमाही के दमदार नतीजे जारी कर दिए हैं. कंपनी ने पिछले वित्त वर्ष 2024-25 की मार्च तिमाही में 74 फीसदी के उछाल के साथ 358.53 करोड़ रुपये का नेट प्रॉफिट दर्ज किया है. वित्त वर्ष 2023-24 की समान तिमाही में कंपनी का नेट प्रॉफिट 206.31 करोड़ रुपये था. कंपनी की कुल इनकम मार्च तिमाही में 9,744.73 करोड़ रुपये रही, जो 2023-24 की समान तिमाही में 8,348.02 करोड़ रुपये थी.
योग से शुरुआत और लोकप्रियता
बाबा रामदेव ने 1990 के दशक में योग को प्रचारित करना शुरू किया. टीवी चैनलों पर उनके योग कार्यक्रमों ने उन्हें घर-घर तक पहुंचाया. लोगों ने उन्हें एक भरोसेमंद योग गुरु के रूप में अपनाया.
उन्होंने स्वदेशी अपनाओ और विदेशी छोड़ो का नारा दिया. पतंजलि के प्रोडक्ट्स को भारतीय परंपराओं, आयुर्वेद और प्राकृतिक प्रोडक्ट्स से जोड़ा गया, जिससे लोगों का भरोसा बढ़ा.
कम कीमत, बेहतर गुणवत्ता
पतंजलि ने अपने प्रोडक्ट्स की कीमतें बड़ी एफएमसीजी कंपनियों से कम रखीं. प्रोडक्ट्स की गुणवत्ता बनाए रखी, जिससे ग्राहक जुड़ते गए.
पतंजलि ने खुद का डिस्ट्रीब्यूशन नेटवर्क खड़ा किया और फिर बड़ी रिटेल चेन जैसे बिग बाजार आदि से भी पार्टनरशिप की. छोटे शहरों और गांवों तक प्रोडक्ट पहुंचाने की रणनीति सफल रही.
ब्रांडिंग और मार्केटिंग
बाबा रामदेव ने खुद ब्रांड एंबेसडर बनकर पतंजलि को प्रचारित किया. उन्होंने टीवी, सोशल मीडिया और अपने योग कैंप्स का इस्तेमाल प्रोडक्ट्स के प्रचार के लिए किया.
आचार्य बालकृष्ण कंपनी के सीईओ हैं और उन्होंने पतंजलि के रिसर्च, प्रोडक्शन और रणनीति में अहम भूमिका निभाई. उनकी हिस्सेदारी कंपनी में सबसे ज्यादा है.
इंडस्ट्रीज का विस्तार
पतंजलि ने सिर्फ आयुर्वेदिक दवाइयों तक सीमित न रहकर एफएमसीजी, कास्टिक सोडा, कपड़े, फूड प्रोडक्ट्स, एजुकेशन, हेल्थकेयर तक विस्तार किया.
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