पढ़ाई के बाद नौकरी नहीं.. लोन लेकर शुरू किया बिजनेस, अब सालाना कमा रहे 12 लाख, लोगों को दिया रोजगार

दीपक कुमार/बांका. अमूमन युवा वर्ग जहां पढ़ाई खत्म करने के बाद नौकरी की तलाश में लग जाते हैं. साथ ही नौकरी पाने के पीछे अपना बहुमूल्य जीवन भी खपा देते हैं. इसके उलट कुछ ऐसे भी युवा हैं, जो पढ़ाई खत्म करने के बाद नौकरी की तलाश करने के बजाय खुद का धंधा शुरू करने में लग जाते हैं और सफल भी हो जाते हैं. कुछ इसी तरह का उदाहरण बांका जिला के तिल बढ़िया गांव निवासी दिवाकर पंडित पेश कर रहे हैं. जो नौकरी करने के बजाय खुद का रोजगार शुरू कर दूसरों को काम दे रहे हैं.

दिवाकर कुमार ने बताया कि ग्रेजुएशन की पढ़ाई खत्म करने के बाद पहले खुद की एक दुकान ली और उसमें ऑनलाइन आधार सेंटर शुरू किया. खाली समय में यूट्यूब पर अच्छे व्यवसाय की खोज करना शुरू कर दिया. यूट्यूब पर ही कॉपी या नोटबुक बनाने का आईडिया मिला. उन्होंने बताया कि मन में विचार आया कि कॉपी या नोटबुक की फैक्ट्री लगाने पर दूसरों को भी रोजगार उपलब्ध करा सकते हैं. इसके बाद उद्योग विभाग से लोन लेने के लिए आवेदन दिया. आवेदन स्वीकृत होने के बाद नोटबुक और कॉपी की फैक्ट्री लगाने के लिए 10 लाख का लोन मिला. 2022 में फैक्ट्री डालकर नोटबुक और कॉफी बनाने का काम शुरू कर दिया. इसमें स्थानीय लोगों को रोजगार भी दे रहे हैं. फैक्ट्री में तीन लोग काम करते हैं और तीनों को 8-8 हजार की सैलरी दी जाती है.

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सालाना 12 लाख से अधिक की हो जाती है कमाई
दिवाकर कुमार ने बताया कि नोटबुक तैयार करने के लिए आधुनिक मशीन लगाई है. यह प्रक्रिया पूरी तरह डिजिटल है. जिसमें स्ट्रेचिंग मशीन, कटर, वेंडिंग मशीन है. उन्होंने बताया कि नोटबुक बनाने के लिए रॉ मटेरियल कोलकाता से मंगवाते हैं. रोजाना 8 से 10 हजार कॉपियां तैयार होती है. वहीं, कॉपी की कीमत 10 रुपए से लेकर 50 तक है. उन्होंने बताया कि यहां से तैयार प्रोडक्ट को आस-पास के बाजार सहित बांका अमरपुर, साहिबगंज सहित कई बाजारों में भेजते हैं. जिसे सालाना 12 लाख तक की कमाई हो जाती है.

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