नौकरी छोड़… लोन लेकर शुरू किया खुद का कारोबार, आज बना दिया ब्रांड, सालाना 10 लाख की कमाई

दीपक कुमार/बांका. अगरबत्ती उद्योग हमेशा से फायदे का धंधा रहा है. इस व्यवसाय से जुड़कर लोग अच्छी कमाई भी कर रहे हैं. अगरबत्ती उद्योग से जुड़कर ही बांका जिला मुख्यालय स्थित विजनगर मोहल्ला निवासी मणिकांत दास बेहद खुश है. मणिकांत इससे पहले सरकार के स्टेट डेवलपमेंट वर्क के योजना में काम करते थे. उन्होंने इस नौकरी को छोड़कर अगरबत्ती बनाने का काम शुरू किया और इसमें सफलता भी अर्जित की. इस धंधे से जुड़ने से पहले मणिकांत के घर की आर्थिक स्थित सही नहीं थी. आय बढ़ाने के लिए इस धंधे को अपनाया. अब सालाना 10 लाख से अधिक कमाई कर रहे हैं.

मणिकांत दास ने लोकल 18 को बताया कि नौकरी में अधिक मानदेय नहीं मिलने के चलते हर माह घर चलाने में परेशानी हो रही थी. इसके बाद निर्णय कर लिया कि नौकरी के बजाए धंधा ही करेंगे. इसी दौरान यूट्यूब के माध्यम से अगरबत्ती निर्माण का आइडिया मिला. इसके बाद यूको आरसेटी से ट्रेनिंग लेकर छोटे स्तर पर अगरबत्ती निर्माण करने लगा. उन्होंने बताया कि बड़े पैमाने पर अगरबत्ती बनाने के लिए ऑटोमेटिक मशीन की जरूरत थी. लेकिन आर्थिक स्थिति उतनी भी अच्छी नहीं हुई थी कि मशीन खरीद पाते. तब पता चला कि उद्योग विभाग धंधा शुरू करने के लिए लोन मुहैया कराता है. इसके बाद लोन के लिए अप्लाई कर दिया. 10 लाख का लोन मिलने के बाद चार ऑटोमेटिक और मिक्सर मशीन की खरीदारी कर नए सिरे से अगरबत्ती बनाना शुरू कर दिया.

कोलकाता से मंगवाते हैं रॉ मैटेरियल
मणिकांत दास ने लोकल 18 को बताया कि अगरबत्ती निर्माण करने के लिए रॉ मैटेरियल को कोलकाता से मंगवाते हैं. जिसमें काली भूसी, पाउडर, लकड़ी का भूसा, गम बस की पतली स्टिक की जरूरत पड़ती है. सभी रॉ मैटेरियल को मिक्सर मशीन में डालकर मिक्स करने के बाद मात्रा अनुसार ऑटोमेटिक मशीन में डाला जाता है, जिसे स्टिक में बनकर बाहर आता है. इसके बाद पंखे में इसे सुखाया जाता है और 5 घंटे से अधिक समय तक धूप में सूखने के बाद अलग-अलग क्वालिटी के सेंट मिला दिया जाता है.

सालाना दस लाख की होती है कमाई
मणिकांत दास ने बताया कि एक किलो साधारण अगरबत्ती निर्माण करने में 65 रुपए खर्च आता है और बाजार में 75 रुपए में प्रति किलो के रेट बिकती है. वहीं धूमना अगरबत्ती बनाने में 110 रुपए खर्च आता है, जो 120 रुपए किलो में बिकती है. इसके अलावे मच्छर भगाने वाली अगरबत्ती को बनाने में 75 रुपए रुपए खर्च आता है, जिसे बाजार में 80 रुपए तक में सेल किया जाता है. एक पैकेट में 12 पीस अगरबत्ती होती है. अगरबत्ती बांका शहर ही नहीं बल्कि आस-पास के कई इलाकों में बिक्री कर सालाना 10 लाख की कमाई हो जाती है.

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