जौनपुर: कभी महीने की ₹50,000 की नौकरी करने वाली वर्षा वर्मा आज खुद की मसाला कंपनी चला रही हैं और ₹5 लाख महीने तक मुनाफा कमा रही हैं. यह प्रेरणादायक कहानी है उस हिम्मत, आत्मविश्वास और योजनाओं के बेहतर उपयोग की, जिसने एक महिला को नौकरी से व्यवसाय की ओर मोड़ा और उसे सफल उद्यमी बना दिया. वर्षा वर्मा नोएडा में एक निजी कंपनी में जॉब करती थीं. अपने काम में कुशल होने के बावजूद उन्हें हमेशा यह लगता था कि वे अपनी पूरी क्षमता का उपयोग नहीं कर पा रही हैं. वहीं उनके भीतर कुछ नया करने की ललक थी. भोजन और मसालों के प्रति उनका विशेष लगाव था. वह हमेशा चाहती थीं कि शुद्ध, घरेलू और गुणवत्ता वाले मसाले लोगों तक पहुंचें.
विचार से शुरुआत तक का सफर
यही सोच से उनके जीवन की दिशा बदल गई. वर्षा ने नौकरी छोड़कर खुद का स्टार्टअप शुरू करने का फैसला लिया और ‘क्यारी फूड प्राइवेट लिमिटेड’ नाम से एक मसाला कंपनी की नींव रखी. यह निर्णय आसान नहीं था, लेकिन उन्होंने पति से सलाह ली और योजना पर काम करना शुरू किया.
इस दौरान उन्हें (PMFME)’ के बारे में जानकारी मिली. इस योजना के तहत उन्हें कुल लागत वाली यूनिट के लिए 35% सब्सिडी का लाभ मिला. योजना का लाभ मिलने से वर्षा का आत्मविश्वास और बढ़ा और उन्होंने बिना पीछे देखे अपने सपनों को हकीकत में बदलने की ओर कदम बढ़ा दिए.
सरकारी योजना बनी सहारा
इस पूरी सफलता में PMFME योजना की बड़ी भूमिका रही. जिला उद्यान अधिकारी सीमा सिंह राणा ने बताया कि वर्षा जैसी कई महिलाएं इस योजना से जुड़कर अपने सपनों को साकार कर रही हैं. योजना के तहत खाद्य प्रसंस्करण यूनिट लगाने पर 35% की सब्सिडी दी जाती है, जिससे नई शुरुआत करने वालों को आर्थिक संबल मिलता है. सीमा सिंह राणा ने कहा कि उद्यान विभाग इच्छुक को प्रशिक्षण, मार्गदर्शन और आवेदन में मदद करता है. उन्होंने अपील की कि अधिक से अधिक लोग आगे आएं और इस योजना का लाभ उठाकर आत्मनिर्भर बनें.
गुणवत्ता ही पहचान बनी
वर्षा की कंपनी आज विभिन्न प्रकार के मसाले जैसे हल्दी, धनिया, लाल मिर्च, गरम मसाला, चाट मसाला, सब्जी मसाला आदि का निर्माण कर रही है. उनकी खासियत यह है कि मसालों में किसी भी तरह के केमिकल या मिलावट का इस्तेमाल नहीं किया जाता. शुद्धता और स्वाद के कारण उनके उत्पादों की मांग तेजी से बढ़ी और आज उनकी बिक्री जौनपुर ही नहीं बल्कि अन्य जिलों और राज्यों तक पहुंच चुकी है.
10 लोगों को मिला रोजगार
एक और खास बात यह है कि वर्षा ने अपने व्यवसाय के माध्यम से 10 लोगों को रोजगार भी प्रदान किया है, जिनमें महिलाएं भी शामिल हैं. वे मानती हैं कि अगर कोई महिला खुद सक्षम बन जाए, तो वह औरों को भी सशक्त बना सकती है. उनका मानना है कि आत्मनिर्भरता ही असली सशक्तिकरण है.
महिलाओं को दिया संदेश
वर्षा वर्मा कहती हैं कि अगर आप किसी क्षेत्र में रुचि रखते हैं और मेहनत करने के लिए तैयार हैं, तो रास्ता खुद-ब-खुद बन जाता है. सरकारी योजनाओं की मदद से अब महिलाएं भी उद्योग जगत में आगे बढ़ सकती हैं.
भविष्य की योजना
वर्षा का अगला लक्ष्य है कि वह अपने ब्रांड को अंतरराष्ट्रीय बाजार में पहुंचाएं और अधिक से अधिक महिलाओं को इस क्षेत्र से जोड़ें. उन्होंने अपने अनुभव से सीखा है कि आत्मनिर्भरता और मेहनत से किसी भी मुकाम को पाया जा सकता है.
इस तरह वर्षा वर्मा की कहानी न सिर्फ प्रेरणा देती है, बल्कि यह भी बताती है कि अगर संकल्प मजबूत हो और सही योजना के साथ आगे बढ़ा जाए, तो कोई भी महिला उद्यमिता के क्षेत्र में एक नई मिसाल बन सकती है.
.