विशाल झा
गाजियाबाद. बचपन से ही स्पाइनल मस्कुलर अट्रॉफी (टाइप -2) जैसी गंभीर बीमारी से जूझ रही 25 साल की भूमिका के लिए जीवन जीना आसान नहीं था. वह जिस बीमारी से जूझ रही है, उसकी वजह से व्यक्ति की हड्डियों को पूरा पोषण नहीं मिल पाता, जिससे हड्डी कमजोर और छोटी होती जाती है. बढ़ती उम्र के साथ इस बीमारी से जूझ रहे लोगों को चलने-फिरने और उठने बैठने की समस्या होने लगती है. इस बीमारी के कारण व्यक्ति के लिए बिस्तर से उतरना भी मुहाल हो जाता है. लेकिन गाजियाबाद की रहने वाली भूमिका कुछ अलग ही मिट्टी की बनी है. उसने न केवल इस बीमारी से लड़ते हुए अपने सपने पूरे किए, बल्कि अपनी संघर्ष क्षमता की बदौलत दूसरे के लिए मिसाल भी बन रही है.
भूमिका को फैशन डिज़ाइनिंग का शौक था. बीमारी की वजह से शुरुआती पढ़ाई-लिखाई कठिन थी, लेकिन चुनौतियों से हारना उसने सीखा नहीं. अपने पसंदीदा फील्ड में जाने का निर्णय किया. दिल्ली के निफ्ट कैंपस में उसका एडमिशन भी हो गया, पर बीमारी की वजह से पसंदीदा फैशन डिजाइनिंग कोर्स अलॉट नहीं हुआ. इसकी जगह फैशन कम्युनिकेशन में दाखिला लेना पड़ा. इस कोर्स में फैशन और मार्केटिंग से रिलेटेड विषय की पढ़ाई होती है. भूमिका बताती हैं कि कॉलेज में ही पता चला कि अब इस क्षेत्र में कितनी और बड़ी चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा.
हमेशा दूसरों पर रहना पड़ता है निर्भर
भूमिका ने बताया कि कॉलेज में रोजाना काफी मुसीबतों का सामना करना पड़ता था. कॉलेज के इवेंट्स में हिस्सा लेना मुझे पसंद था, लेकिन मैं यह काम नहीं कर पाती थी. मगर मेरे दोस्तों ने हमेशा हिम्मत बढ़ाई और मेरा साथ दिया. बतौर डिजाइनर ये एक फील्ड जॉब है, जिसमें नेटवर्किंग के लिए कई बार सप्लायर से मिलने जाना होता है. उन सब काम के लिए किसी पर निर्भर रहना पड़ता है. लेकिन उन्होंने इन चुनौतियों से लड़ते हुए पढ़ाई पूरी की और फैशन डिजाइनर बनीं.
दिव्यांगों के लिए भी बनते हैं फैशनेबल कपड़े
भूमिका ने फैशन डिजाइनिंग का कोर्स करने के बाद अपना स्टार्टटप शुरू किया. इसका नाम है शाक्य, जिसका संस्कृत में मतलब होता है सक्षम (कैपेबल). भूमिका बताती हैं कि यह नया फैशन ब्रांड स्टार्टअप है. इसमें उन सभी के लिए फैशनेबल कपड़े हैं जिन लोगों को इंडस्ट्री स्टैंडर्ड साइज के कारण अच्छे कपड़े नहीं मिल पाते हैं. फिर चाहे कोई विकलांग भी क्यों ना हो, उसके लिए भी शाक्य में फैशनेबल कपड़े हैं. भूमिका अपने इस ब्रांड को ग्लोबल लेवल पर ले जाना चाहती हैं. उन्होंने बताया कि पिछले वर्ष नवंबर में इस कंपनी की शुरुआत हुई, जिसमें कुल 4 लोग अभी काम कर रहे हैं.
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FIRST PUBLISHED : January 12, 2024, 10:55 IST