विशाल कुमार/छपरा:- बिहार के छपरा में भी प्रतिभा की कोई कमी नहीं है. यहां के सदर प्रखंड के बिशनपुर निवासी अरविंद कुमार शतरंज के अंतरराष्ट्रीय रेफरी हैं. शतरंज का खिलाड़ी होने के नाते उन्होंने अन्य जुनियर खिलाड़ियों को राष्ट्रीय स्तर तक पहुंचाने में अहम भूमिका निभाई है. वह खुद बचपन से ही पढ़ाई के साथ-साथ शतरंज खेलने में माहिर थे. इस कारण एयरफोर्स में उनकी नौकरी लग गई और वहां उन्हें अपनी खेल प्रतिभा को निखारने के लिए सही प्लेटफॉर्म मिला. इसके बाद उन्होंने अपनी प्रतिभा को ऊंचाई देते हुए राष्ट्रीय रेफरी तक का सफर तय किया. अब वे बिहार में सभी तरह के खेल को बढ़ावा देने के उद्देश्य से जिलों का दौरा कर रहे हैं.
गांव या शहर नहीं, प्रतिभा देती है पहचान
शतरंज के अंतरराष्ट्रीय रेफरी अरविंद कुमार ने लोकल 18 को बताया कि युवाओं को अपनी प्रतिभा को पहचानने की जरूरत है. अपनी प्रतिभा को पहचानकर ही सही प्लेटफॉर्म दिया जा सकता है. उन्होंने कहा कि खिलाड़ियों को यह नहीं सोचना चाहिए कि वह छोटे से शहर या गांव-कस्बे से हैं. मैं खुद भी एक छोटे शहर से था, मगर अपनी प्रतिभा को पहचाना और उसे सही प्लेटफॉर्म दिया. इसके बाद अपने लक्ष्य को प्राप्त किया. अरविंद ने कहा कि प्रत्येक युवा में कुछ न कुछ प्रतिभा छिपी रहती है. आप जिस किसी भी क्षेत्र में रुचि रखते हैं, उसपर काम करें.
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बिहार में देंगे सभी खेलों को बढ़ावा
अरविंद कुमार का कहना है कि वे शतरंज ही नहीं, बिहार में सभी खेलों को आगे बढ़ाने के लिए काम कर रहे हैं. इसी को लेकर छपरा के सभी खेल अधिकारियों के साथ बैठक कर खेल के विकास पर चर्चा की. उन्होंने Local 18 को बताया कि आने वाले दिनों में देश के चर्चित आईपीएस अधिकारी रविंद्र शंकरण के साथ मिलकर भी छपरा में खेल को बढ़ावा दिया जाएगा. यहां के खिलाड़ियों को कोई मोटिवेट करने वाला नहीं है. इस कारण उन्हें सही प्लेटफॉर्म नहीं मिल पाता है. इस वजह से यहां से प्रतिभा का पलायन हो रहा है. यहां के खिलाड़ी दूसरे राज्यों में अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं. इसलिए उन्हें यहां सारी सुविधाएं मिल जाए, तो वे बिहार का नाम देश-दुनिया में रोशन करेंगे.
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FIRST PUBLISHED : March 20, 2024, 12:01 IST