हाइलाइट्स
हल्दीराम की स्थापना 1937 में हुई थी.
पहले यह एक छोटी सी दुकान थी.
हल्दीराम की पहली दुकान बीकानेर में खुली थी.
नई दिल्ली. देश के स्वीट्स व स्नैक्स बिजनेस में एक खास समुदाय का दबदबा रहा है. अग्रवाल कम्युनिटी का कहें तो इस क्षेत्र में एकछत्र राज है. इसी समुदाय से निकले गंगाबिशन अग्रवाल ने देश की सबसे बड़ी स्नैक्स कंपनियों में से एक की स्थापना की थी. कैसे गंगाबिशन अग्रवाल ने अपनी एक छोटी सी दुकान से हल्दीराम तक का सफर तय किया. हल्दीराम की शुरुआत 1918 में एक छोटी सी दुकान के रूप में हुई थी. आज इस कंपनी का सालाना रेवेन्यू 12000 करोड़ रुपये से अधिक हो गया है.
गंगाबिशन अग्रवाल को उनकी मां हल्दीराम कहकर बुलाती थीं. उन्होंने अपनी मां के द्वारा दिए इस नाम को ही दुकान का नाम रखना तय किया. इसी नाम ने उन्हें देश-विदेश में ख्याति दिलाई. गंगाबिशन की पहली दुकान बीकानेर में खोली थी और वहां बीकानेरी भुजिया बनाते थे. लेकिन इससे पहले भी एक छोटी सी कहानी है जिसकी वजह से उन्हें अपनी अलग दुकान बीकानेर में जाकर खोलने की जरूरत पड़ी.
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क्या थी वजह?
गंगाबिशन ने भुजिया बनाने की कला अपनी चाची से सीखी थी. वह अपने पिता की दुकान पर यह भुजिया बनाया करते थे. लेकिन किसी वजह उनके व परिवार के बीच मन-मुटाव हो गया. परिवार से विवाद होने के कारण उन्होंने घर ही छोड़ दिया और वहां से बीकानेर आ गए. यह उन्होंने 1937 में अपनी पहली दुकान शुरू की जहां वह भुजिया बेचते थे. उन्होंने अपनी रेसिपी में कई तरह के बदलाव भी किए जो लोगों को काफी पसंद आए.
बीकानेर से कोलकाता और फिर दिल्ली
गंगाबिशन अग्रवाल एक कोलकाता किसी शादी में गए थे. वहां जाकर उन्हें लगा कि उनका भुजिया का बिजनेस वहां भी अच्छा चल सकता है. इसलिए उन्होंने कोलकाता में भी एक दुकान खोलने के बारे में सोचा. इसके बाद वह अपने बिजनेस को राजधानी दिल्ली और महाराष्ट्र के नागपुर भी लेकर गए. दिल्ली में चांदनी चौक में उनकी पहली दुकान खुली. आज भारत के तो लगभग हर बड़े शहर में हल्दीराम है ही, साथ में यूएस में भी हल्दीराम के स्टोर हैं. हल्दीराम आज करीब 50 देशों में उपलब्ध है.
कंपनी का बिजनेस
वित्त वर्ष 23 में हल्दीराम का रेवेन्यू 1.5 बिलियन डॉलर या 12000 करोड़ रुपये से अधिक रहा. कंपनी ने टाटा से डील के लिए कंपनी अपनी कंपनी का मार्केट कैप 10 बिलियन रखने की मांग की थी. हालांकि, टाटा ने हल्दीराम में हिस्सेदारी खरीदने संबंधी खबरों का पूरी तरह खंडन कर दिया था. हल्दीराम कुछ सालों में अपना आईपीओ लाने की तैयारी कर रही है.
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FIRST PUBLISHED : April 9, 2024, 13:38 IST