<p style="text-align: justify;">भारत में भले ही प्राइवेट सेक्टर में जब लोगों को खूब लुभाते हो. लेकिन आज भी बहुत से लोग अपनी पहली पसंद सरकारी नौकरी को ही रखते हैं उसके पीछे बहुत सारे कारण है. अगर आंकड़ों की बात की जाए तो 2023 में आई रिपोर्ट के अनुसार 120 करोड़ की आबादी में से मात्र 3.75% ही सरकारी नौकरी वाले लोग थे. यानी अगर बात की जाए तो 10000 में से सिर्फ 375 लोग ही सरकारी नौकरी करते हैं. इसमें आंकड़ा यह नहीं दर्शाता की कितने लोग अप्लाई कर रहे हैं. हर साल करोड़ों लोग सरकारी नौकरी के लिए अप्लाई करते हैं लेकिन उनमें से सिर्फ कुछ को ही सरकारी नौकरी मिल पाती है. सरकारी नौकरी में लोग सेन्ट्रल की नौकरी करना पसंद करते हैं. क्योंकि उसमें सुविधाों की भरमार होती है. आइए जानते हैं केंद्रीय कर्मचारियों को क्या-क्या सुविधाएं मिलती है. </p>
<h3><strong>घर,कार और सहायक मिलते हैं</strong></h3>
<p>केंद्रीय कर्मचारियों को बहुत सी सुविधाए मिलती हैं. केंद्र सरकार के हर कर्मचारी को रहने के लिए घर अलाॅट किया जाता है. वहीं अगर आप ग्रुप ए लेवल के अधिकारी हैं. तो फिर आपको बेहद सुविधाएं दी जाती हैं. जिनमें घर के साथ कार भी दी जाती है. जिसके साथ हर वक्त ड्राइवर मौजूद रहता है. और इसके साथ ही आपको एक सहायक भी दिया जाता है. </p>
<h3 style="text-align: justify;"><strong>जॉब सिक्योरिटी रहती है</strong></h3>
<p style="text-align: justify;">केंद्रीय कर्मचारियों नौकरी जॉब छिन जाने का डर नहीं होता. जिस तरह प्राइवेट कंपनियाँ अलग बहानों से जॉब से निकल देती हैं. केंद्रीय कर्मचारियों नौकरी 58 साल तक फिक्स है. हालांकि कई पदों पर 58 की उम्र के बाद भी बने रह सकते है.</p>
<h3 style="text-align: justify;"><strong>वर्किंग ऑवर बढ़ते नहीं है</strong></h3>
<p style="text-align: justify;">केंद्रीय कर्मचारियों नौकरी करने वालों के वर्किंग ऑवर यानी काम करने घंटे लगभग फिक्स होते हैं. किसी सरकारी कर्मचारी को सिर्फ़ 8-9 घंटे ही काम करना होता है. जहां प्राइवेट नौकरी में ये 10-12 भी हो जाते हैं. कई मौक़ों पर एक्स्ट्रा काम भी करना पड़ता है.</p>
<h3 style="text-align: justify;"><strong>बेस्ट मेडिकल सुविधा वो भी फ्री</strong></h3>
<p style="text-align: justify;">लगभग हर केंद्रीय कर्मचारियों कर्मचारी और उसके परिवार को सरकार की और से फ्री मेडिकल इंश्योरेंस दिया जाता है. इसके साथ ही बड़े बड़े सरकारी अस्पतालों में उनका फ्री इलाज होता है. कहीं कहीं डिपार्टमेंटल हॉस्पिटल्स होते हैं. जहां इलाज की बेहतरीन फैसिलिटी मिलती है.</p>
<h3 style="text-align: justify;"><strong>डीए की सुविधा</strong></h3>
<p style="text-align: justify;">केंद्रीय कर्मचारियों को हर साल डीए भी बढ़ाकर दिया जाता है. डीएन यानी महंगाई भत्ता जो हर साल मिलता है. यानी अगर बाहर महंगाई बढ़ भी रही है तो सरकारी कर्मचारियों को उस हिसाब से महंगाई भत्ता भी बढ़ा दिया जाता है. पेंशन भोगियों को भी मिलता है. </p>
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