किडनी की समस्या के लिए रामबाण हैं ये 5 साधारण जड़ी-बूटियां! ऐसे करें इस्तेमाल

डॉ. आकांक्षा दीक्षित (एमडी आयुर्वेद) बताती हैं कि आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियां जैसे – पुनर्नवा, त्रिफला, हल्दी, अदरक, को किडनी डैमेज को कंट्रोल करते हैं. इन जड़ी-बूटियों को अपने रोजाना ही इस्तेमाल कर सकते हैं, लेकिन उपयोग से पहले डॉक्टर से संपर्क जरूर करना चाहिए. (रिपोर्ट-सौरभ वर्मा) 

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त्रिफला एक आयुर्वेदिक औषधि है. यह सेहत के लिए बेहद फायदेमंद है. त्रिफला को आंवला, बहेड़ा और हरड़ को मिलाकर बनाया जाता है. इन तीनों हर्ब्स को एक साथ मिलाने से इनके औषधीय गुण कई गुना तक बढ़ जाते हैं. इसमें एंटीऑक्‍सीडेंट, एंटी इंफ्लामेट्री और एंटी बैक्‍टीरियल के गुण पाए जाते हैं, त्रिफला के सेवन से किडनी सेहतमंद रहता है. त्रिफला किडनी को डिटॉक्सिफाई करता है साथ ही यह प्लाज्मा, प्रोटीन एल्ब्यूमिन,और क्रिएटिनिन लेवल को कंट्रोल करने में मददगार है.

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आपके किचन में मौजूद हल्दी सेहत के लिए वरदान है. इसमें एंटी बैक्टीरियल, एंटी इंफ्लेमेटरी और एंटी ऑक्सीडेंट्स गुण पाए जाते हैं, जो सेहत के लिए फायदेमंद साबित होते हैं. हल्दी के सेवन से शरीर में मौजूद टॉक्सिन यानी विषैले पदार्थ बाहर निकल जाते हैं.


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गिलोय देश की एक प्राचीन जड़ी-बूटी है जो शरीर के विष को खत्म करने के अलावा डेंगू और गठिया जैसे रोग के लिए बेहद लाभकारी है. गिलोय में एंटीऑक्सीडेंट गुण पाए जाते हैं. जो फ्री रैडिकल्स को नष्ट कर देते हैं, जिससे किडनी की क्षति को रोका जा सकता है.

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ठंडी हो या गर्मी रोजाना हमारे घरों में अदरक का प्रयोग जरूर किया जाता है. अदरक में एंटीऑक्‍सीडेंट, एंटी इंफ्लामेट्री गुण पाए जाते हैं जो किडनी में मौजूद हानिकारक तत्वों को बाहर निकालने में बेहद कारगर होते हैं. कई गुणों से भरपूर अदरक भी किडनी स्टोन को रोकने में मदद करती है. अदरक वाली चाय पीने या डिटॉक्स वॉटर या हेल्दी स्मूदी पीने से किडनी की सूजन को कम करने में मदद मिल सकती है और पथरी बनने की संभावना कम हो जाती है.


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जंगलों में पाया जाने वाला पुनर्नवा एक ऐसी औषधि है जो कई प्रकार के रोगों को शरीर से दूर रखने मदद करती है. इसके पत्ते का सेवन करने से हमारे शरीर में मौजूद हानिकारक तत्व बाहर हो जाते हैं. यूरिन इन्फेक्शन की समस्या से बचे रहने के लिए पुनर्नवा काफी प्रभावशाली औषधि साबित हो सकती है. पुनर्नवा का सेवन करने से किडनी से जुड़ी बीमारियों का जोखिम कई गुना तक कम हो सकता है.

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रायबरेली के शिवगढ़ की आयुष चिकित्सा अधिकारी डॉ. आकांक्षा दीक्षित (एमडी आयुर्वेद) बताती हैं कि आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियां जैसे – पुनर्नवा, त्रिफला, हल्दी, अदरक, को किडनी डैमेज को कंट्रोल करते हैं. इन जड़ी-बूटियों को अपने रोजाना ही इस्तेमाल कर सकते हैं, लेकिन उपयोग से पहले डॉक्टर से संपर्क जरूर करना चाहिए.


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Disclaimer: इस खबर में दी गई दवा/औषधि और स्वास्थ्य से जुड़ी सलाह, एक्सपर्ट्स से की गई बातचीत के आधार पर है. यह सामान्य जानकारी है, व्यक्तिगत सलाह नहीं. इसलिए डॉक्टर्स से परामर्श के बाद ही कोई चीज उपयोग करें. Local-18 किसी भी उपयोग से होने वाले नुकसान के लिए जिम्मेदार नहीं होगा.

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