बोटाद जिले के एक छोटे से गांव में रहने वाले एक युवा ने अपने सपनों को नया रास्ता दिखाया. आम तौर पर किसान कई जानवर पालकर अपनी आमदनी बढ़ाने की कोशिश करते हैं, लेकिन इस युवक ने सिर्फ एक शुद्ध गिर नस्ल की गाय पर भरोसा किया और आज वह अपनी सफलता से सबको प्रेरणा दे रहा है.
इस युवक ने भावनगर वंश की एक गिर नस्ल की गाय करीब 1.50 लाख रुपये में खरीदी थी. शुरुआत में लोगों को यह कीमत ज्यादा लगी, लेकिन जैसे-जैसे गाय ने दूध देना शुरू किया, सबकी राय बदल गई. यह गाय रोज दो बार दूध देती है और हर बार 8 लीटर तक, यानी कुल 16 लीटर प्रतिदिन.
दूध में क्वालिटी भी और मुनाफा भी
गिर नस्ल की इस गाय का दूध सिर्फ ज्यादा नहीं होता, बल्कि उसकी क्वालिटी भी बेहतरीन होती है. इसमें 5.5% से 6% तक फैट होता है, जिससे इसका बाजार भाव सामान्य दूध की तुलना में कहीं ज्यादा रहता है. किसान को यह दूध 60 से 70 रुपये प्रति लीटर तक बिकता है, जो स्थानीय दूध से 20-25 रुपये ज्यादा है.
इस दूध की सबसे ज्यादा मांग उन लोगों के बीच है जो खाने के स्वाद और गुणवत्ता को समझते हैं. होटलों, करी बनाने वालों और यहां तक कि आभूषण व्यापारियों तक को इस दूध की जरूरत रहती है. दूध की खुशबू, मोटा मक्खन और शुद्धता इसे खास बनाते हैं.
महीने की कमाई से चलता है पूरा घर
हर महीने लगभग 450 से 500 लीटर दूध बिकता है जिससे युवक को 25,000 से 30,000 रुपये की आमदनी हो जाती है. इस कमाई से वह न सिर्फ अपने घर का खर्च निकाल लेता है, बल्कि गायों की बेहतर देखभाल भी कर पाता है.
पशुपालक मानता है कि गिर नस्ल की गायों को पालना एक हुनर है. इन गायों को अच्छे चारे, साफ पानी, समय पर हरी घास और पौष्टिक दाने की जरूरत होती है. साथ ही समय-समय पर मेडिकल चेकअप और दवाओं का सही उपयोग जरूरी है.
स्वास्थ्य के साथ बढ़ता है उत्पादन
पशुपालक के अनुसार अगर गाय की सही देखभाल की जाए तो वह कम बीमार पड़ती है और लंबे समय तक ज्यादा दूध देती है. यह विशेष गाय भावनगर ब्लड लाइन से है, जो गिर नस्ल की सबसे मजबूत और उच्च गुणवत्ता वाली लाइन मानी जाती है.
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