सुमित राजपूत/नोएडा: भारत संस्कृति और परंपरा का देश है. इस देश की खासियत यह है कि यहां पर हर राज्य में बोली और खान पान में ही भिन्नता देखने को नहीं मिलती बल्कि हर राज्य की अपनी कला और संस्कृति है. यही बात सभी से अलग व अद्वितीय बनाती है. भारत में आज भी विभिन्न राज्यों में पारंपरिक तरीके से हैंडीक्राफ्ट आइटम्स तैयार किए जाते है, जोकि अपने आप में बेहद अनूठे होते हैं. इतना ही नहीं, यह इतने मनमोहक और आकर्षक हैं कि इनकी ख्याति सिर्फ राज्य या देश तक ही सीमित नहीं है बल्कि विदेशों में भी लोग इन हैंडीक्राफ्ट आइटम्स को पसंद करते हैं.
कुछ ऐसा ही नोएडा की अनामिका श्रीवास्तव कर रही हैं, जिन्होंने एमबीए करने के बाद एचआर मैनेजर की जॉब की. फिर उनको नौकरी पसंद नहीं आई, तो लाखों का पैकेज छोड़कर हैंडीक्राफ्ट को अपनाया. वह आज दर्जनों लोगों को रोजगार देने के साथ सफल उद्यमी बन चुकी हैं. अनामिका ने कोविड 19 से पहले हैंडीक्राफ्ट का अपना छोटा सा कारोबार शुरू किया था, लेकिन आज उनके प्रोडक्ट की डिमांड देश में ही नहीं विदेशों तक है. अनामिका का कहना है कि आज उनका टर्नओवर एक साल में दो करोड़ से ज्यादा का हो जाता है. इससे वो खुश हैं.
बैग से लेकर मिलता है सबकुछ
यूपी के गौतम बुद्ध नगर के नोएडा सेक्टर 63 में स्थित कशीला लिविंग प्राइवेट लिमिटेड कंपनी हैंडीक्राफ्ट के आइटम बनाती है. महिला उद्यमी अनामिका का कहना है कि कंपनी में होम टेक्सटाइल्स और मेडस्प्स के सारे आइटम बनाती है, जिसमें तकिया, बैदलिन्न, टेबलिन्न, किचिनलिन्न, बैग्स, पर्दे आदि शामिल हैं. साथ ही बताया कि हमारे सभी प्रोडक्ट हैंडीक्राफ्ट हैं और इनकी डिमांड यूरोप, ऑस्ट्रेलिया, यूएसए और मिडिल ईस्ट में भी है. साथ ही बताया कि जो महिलाएं अपने घर पर रहकर काम करना चाहती हैं, उनको भी रोजगार देते हैं. कंपनी में तीन से चार दर्जन लोग काम कर रहे हैं.
शुरू करने के बाद क्या क्या आई परेशानी?
कशीला लिविंग कंपनी की मालिक अनामिका श्रीवास्तव का कहना है कि हमने एक छोटे लेवल से काम शुरू किया था. आज चार से पांच साल बीत गए हैं. हैंडीक्राफ्ट का काम को शुरू करने के कुछ दिन बाद कोविड आने से काफी परेशानी बढ़ी थी. एक बार को तो ऐसा लगा मानो ये सब डूब जाएगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ और आज हम अच्छा कर रहे हैं.
इंडिया में भी अपना प्रोडक्ट बेचने की तैयारी
महिला उद्यमी अनामिका श्रीवास्तव का कहना है कि हम जिस प्रोडक्ट को बनाते हैं उसे भारतीय इस्तेमाल नहीं कर पाते. मगर हमारा भारत भी एक बड़ा मार्केट बनता जा रहा है. इसलिए हम सोच रहे हैं कि जल्द ही एक वेंचर इंडिया में करें, ताकि एक अच्छी क्वालिटी के होम टेक्सटाइल्स आइटम भारतीय भी अपने घरों में प्रयोग में ला पाएं.
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FIRST PUBLISHED : February 7, 2024, 11:45 IST