इंजीनियर की नौकरी छोड़ी, बना दिया देसी ब्रांड…अब विदेशी कंपनियों से हो रही टक्कर, ये बिजनेस तो कमाल का है

कोल्हापुर की धरती जहां सदियों से मिट्टी की कुश्ती और दंगल की आवाजें गूंजती आई हैं, वहीं से एक और चैंपियन निकला है—लेकिन ये चैंपियन अखाड़े से नहीं, बल्कि जिम मशीनों की दुनिया से आया है. ये कहानी है दिलीप पाटिल की, जिन्होंने अपने छोटे से सपने को एक बड़े उद्योग में बदल दिया. आज उनकी मेहनत की मिसाल न सिर्फ कोल्हापुर में, बल्कि देशभर के जिम और फिटनेस सेंटर्स में देखी जा सकती है.

सपना जो दिल से शुरू हुआ
दिलीप पाटिल एक मध्यमवर्गीय परिवार से आते हैं. उनका जन्म और पालन-पोषण कोल्हापुर की उसी मिट्टी में हुआ है, जहां से कई दंगलबाज निकले. उन्होंने कोल्हापुर के नामी केआईटी कॉलेज से इंजीनियरिंग की पढ़ाई की और इसके बाद पूना और किर्लोस्कर जैसी बड़ी कंपनियों में काम करके तकनीकी और मैनेजमेंट की समझ विकसित की. लेकिन उनके अंदर कुछ अलग करने की चाहत थी, जो उन्हें वापस कोल्हापुर खींच लाई.

अपने शहर में शुरू किया बड़ा काम
जब बाकी लोग बड़े शहरों की चकाचौंध में खो जाते हैं, दिलीप ने अपनी जड़ों की तरफ रुख किया. उन्होंने ‘डिजो कंबाइन्स’ नाम की कंपनी शुरू की जो जिम के अत्याधुनिक उपकरण बनाती है. ट्रेडमिल, साइकलिंग मशीन, वेट लिफ्टिंग स्टेशन से लेकर मल्टी-जिम मशीन तक, सब कुछ उनकी फैक्ट्री में तैयार होता है. आज उनकी कंपनी महाराष्ट्र के पुणे, मुंबई, नासिक, नागपुर से लेकर कर्नाटक, गुजरात, गोवा और आंध्र प्रदेश तक अपने प्रोडक्ट भेज रही है.

हर महीने कमा रहे हैं लाखों रुपये
दिलीप की मेहनत रंग लाई और अब उनकी कमाई हर महीने तीन लाख रुपये से भी ज्यादा है. उनकी मशीनों की मांग लगातार बढ़ती जा रही है. खास बात यह है कि वे पूरी तरह से ‘मेक इन इंडिया’ पर भरोसा करते हैं और विदेशी ब्रांडों को कड़ी टक्कर दे रहे हैं. उनकी क्वालिटी किसी भी इंटरनेशनल ब्रांड से कम नहीं है, लेकिन दाम काफी किफायती हैं.

स्थानीय लोगों को दिया रोजगार, बढ़ाया कोल्हापुर का मान
आज उनके कारखाने में 200 से ज्यादा कर्मचारी काम कर रहे हैं, जिनमें से अधिकतर कोल्हापुर और आसपास के हैं. इससे न सिर्फ दिलीप की कंपनी को ताकत मिली, बल्कि कोल्हापुर की लोकल इकोनॉमी को भी मजबूती मिली है. उनकी सोच साफ है—अपने शहर से शुरू करो, लेकिन नजर पूरी दुनिया पर रखो.

अब विदेशों में भी भेजेंगे भारतीय फिटनेस ताकत
दिलीप पाटिल अब सिर्फ भारत में नहीं रुकना चाहते. उनका अगला कदम है अपने जिम उपकरणों को मिडिल ईस्ट और साउथ एशिया के देशों में भेजना. इसके लिए वे पूरी तैयारी कर चुके हैं और जल्द ही ‘डिजो कंबाइन्स’ का नाम विदेशों में भी सुनाई देगा.

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