इंजीनियरिंग छोड़ी, साहित्य चुना और बन गईं असिस्टेंट प्रोफेसर… जानें MP की कौमुदी चौरसिया की सच्ची कहानी

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Kaumudi Chaurasia Success Story: महाराजपुर की कौमुदी चौरसिया ने इंजीनियरिंग की नौकरी छोड़ MPPSC सहायक प्राध्यापक परीक्षा में सफलता हासिल की. इंग्लिश लिटरेचर में रुचि और पिता की प्रेरणा से उन्होंने यूजीसी नेट पर…और पढ़ें

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कौमुदी

कौमुदी चौरसिया 

हाइलाइट्स

  • कौमुदी चौरसिया ने इंजीनियरिंग छोड़ MPPSC सहायक प्राध्यापक परीक्षा पास की.
  • उन्होंने इंग्लिश लिटरेचर में रुचि और पिता की प्रेरणा से यूजीसी नेट क्वालिफाई किया.
  • कौमुदी ने 2023 में अंग्रेजी विषय से एमए और यूजीसी नेट एक साथ क्वालिफाई किया.

Kaumudi Chaurasia Success Story. मप्र लोकसेवा आयोग इंदौर द्वारा आयोजित सहायक प्राध्यापक परीक्षा 2022 में अंग्रेजी विषय का परीक्षा परिणाम घोषित किया गया है, जिसमें महाराजपुर की कौमुदी चौरसिया का चयन सहायक प्राध्यापक के पद पर हुआ है.  लिखित परीक्षा और साक्षात्कार के बाद घोषित अंतिम परीक्षा परिणाम में चयनित कौमुदी ने साल 2023 में अंग्रेजी विषय से एम और यूजीसी नेट एक साथ क्वालीफाई किया.

इंजीनियरिंग की नौकरी छोड़ शुरू की तैयारी 
कौमुदी चौरसिया बताती हैं कि उन्होंने 12 वीं तक की पढ़ाई महाराजपुर से की है. इसके बाद इंदौर के मालवा इंस्टीट्यूट से 2017 में इलेक्ट्रिकल एंड इलेक्ट्रॉनिक ब्रांच से इंजीनियरिंग में ग्रेजुएशन कंप्लीट किया. हालांकि, इसके बाद 3 साल तक गैप रहा. इंदौर में रहकर कुछ समय तक जुनियर इंजीनियर के तौर पर काम भी किया. नौकरी छोड़ने के बाद एमपीपीएससी राज्य सेवा परीक्षा की तैयारी भी की. लेकिन ज्यादा प्रयास नहीं किया था इसलिए ये परीक्षा क्रैक नहीं कर पाई. इसके बाद मैंने महाराज छत्रसाल बुंदेलखंड विश्वविद्यालय से इंग्लिश लिटरेचर से एमए किया. एमए कोर्स के दौरान ही यूजीसी नेट के बारे में पता चला. साथ ही एम कोर्स के दौरान रेगुलर क्लासेस अटेंड करती थी जिससे मेरा यूजीसी नेट का सिलेबस भी कंप्लीट हो गया.

दूसरे प्रयास में निकाला यूजीसी नेट
कौमुदी बताती हैं कि मैंने दूसरे प्रयास में यूजीसी नेट क्वालिफाई किया. हालांकि, प्रथम प्रयास में सफ़लता नहीं मिली थी क्योंकि पहले प्रयास में तैयारी अधूरी रह गई थी.  जब मैंने यूजीसी नेट क्वालिफाई किया था तो उस समय इंग्लिश लिटरेचर की कट ऑफ हाई गई थी.

इंग्लिश लिटरेचर में रुचि थी
कौमुदी बताती हैं कि इंग्लिश मीडियम से स्कूल और कॉलेज की पढ़ाई की है इसलिए इंग्लिश में तो अच्छी कमांड थी. साथ ही स्टोरीज पढ़ने का बहुत शौक था मींस रीडिंग करना अच्छा लगता था. इसलिए इंग्लिश लिटरेचर से असिस्टेंट प्रोफेसर के लिए तैयारी शुरू की. कौमुदी बताती हैं कि जिस विषय को पढ़ने में आप इंट्रेस्टेड हों उसी से यूजीसी नेट परीक्षा की तैयारी करें.

असिस्टेंट प्रोफेसर बनने के लिए पापा ने किया प्रेरित 
कौमुदी बताती हैं कि घर में सबसे ज्यादा सपोर्ट पापा ने किया है. उन्होंने ही प्रेरित किया कि एक बार असिस्टेंट प्रोफेसर के लिए अप्लाई करो. तुम्हे बचपन से ही स्टोरीज पढ़ने का शौक रहा है तो फिर इसमें तुम्हारा हो जाएगा. परिवार में 22 सदस्य रहते हैं लेकिन इसके बाद भी घर में इतना सकारात्मक माहौल रहा कि मेरा एमपी पीएससी असिस्टेंट प्रोफेसर में सेलेक्शन हो गया.

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Anuj Singh

Anuj Singh serves as a Content Writer for News18MPCG (Digiatal), bringing over Two Years of expertise in digital journalism. His writing focuses on hyperlocal issues, Political, crime, Astrology. He has worked …और पढ़ें

Anuj Singh serves as a Content Writer for News18MPCG (Digiatal), bringing over Two Years of expertise in digital journalism. His writing focuses on hyperlocal issues, Political, crime, Astrology. He has worked … और पढ़ें

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इंजीनियरिंग छोड़ी, साहित्य चुना और बन गईं असिस्टेंट प्रोफेसर… कौमुदी चौरसिया

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