आर्मी में जाने का सपना नहीं हुआ पूरा…दोस्त की सलाह पर शुरू किया मुर्गा पालन, अब 50 हजार महीने की आमदनी

नीरज कुमार/बेगूसराय. बिहार के बेगूसराय के अमित कुमार का सपना आर्मी में जाकर देश सेवा करने का था, इसके लिए समस्तीपुर में रहकर उन्होंने कई वर्षों तक तैयारी भी की. लेकिन जब परिवार की आर्थिक स्थिति खराब होने लगी, तो वे आगे तैयारी करने की हिम्मत नहीं कर पाए. फिर, एक दोस्त की सलाह पर एक दिन कृषि विज्ञान केंद्र खोदावंदपुर चले गए.

वहां से मुर्गा पालन की 5 दिनों की ट्रेनिंग ले ली. ट्रेनिंग के दौरान उन्हें बताया गया कि चूजा भी उन्हें उपल्ब्ध कराया जाएगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ है. इस कारण कई महीने तक प्रयास करने के बाद गांव के कुछ लोगों ने उन्हें 3 रुपए प्रति सैकड़ा के हिसाब से 50 हजार रुपए कर्ज ले लिया. इसी रुपए से अमित ने अपने गांव खोदावंदपुर मुसहरी में मुर्गा पालन शुरू कर दिया. आज इससे उन्हें सालाना छह लाख रुपए की कमाई हो जा रही है.

2500 मुर्गा के लिए रोजाना 400 लीटर पानी जरूरी
अमित कुमार ने बताया कि 2000 स्क्वायर फीट की एक झोपड़ी में उन्होंने 3000 मुर्गा की क्षमता वाला फॉर्म तैयार कर रखा है. इसी में पिछले 6 साल से मुर्गा पालन कर रहे हैं. अमित की मानें तो वे हर महीने मुजफ्फरपुर से चूजा लाते हैं और इसे 2 किलो तक का तैयार करने के बाद बाजार में बेच देते हैं. वे कहते हैं मुर्गा पालन में फार्म हाउस के तापमान का हमेशा ख्याल रखना पड़ता है. गर्मी में ज्यादा गर्मी और ठंड में ज्यादा ठंड होने के कारण नुकसान भी हो सकता है. अभी उनके फार्म में 2500 मुर्गा हैं. इन्हें रोजाना 400 लीटर पानी पीने के लिए देना पड़ता है.

हर महीने 50 हजार से ज्यादा की कमाई
अमित ने बताया कि 2500 चूजा को 35 दिनों में दो-दो किलो का मुर्गा बनाने में हर महीने 3 से 4 लाख तक का खर्च आ जाता है. उनके फार्म से कारोबारी 110 रुपए किलो की दर से मुर्गा खरीद लेते हैं और बाजार में 200 रुपए किलो बेचते हैं. इससे उन्हें हर माह 50 हजार से ज्यादा की आमदनी हो जाती है. अमित ने बताया कि देश सेवा में नहीं जा पाए, इसका गम जरूर है. लेकिन आज मुर्गा पालन कर ही घर-परिवार अच्छे से चला लेता हूं.

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