आज की खास खबर | ब्रेक मारने से कौन सी गाड़ी का कांच टूटता है? राहुल की गाड़ी फूटी, कांग्रेस की लीपापोती

ब्रेक मारने से कौन सी गाड़ी का कांच टूटता है? राहुल की गाड़ी फूटी, कांग्रेस की लीपापोती

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– संजय तिवारी

sanjay। tiwari@navabharatmedia। com

कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं में से एक राहुल गांधी (Rahul Gandhi) की भारत जोड़ो न्याय यात्रा (Bharat Jodo Nyay Yatra) को लेकर इन दिनों कई तरह की चर्चाएं चल रही हैं।  वैसे न्याय यात्रा के परिणाम को लेकर लोगों में एकमत नहीं है, लेकिन एक बात है कि कांग्रेस के बड़े नेताओं को जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वाली भाजपा से लड़ने के लिए एसी ऑफिस में बैठकर कागजों पर युद्ध का प्लान बनाते रहे, वे अब मजबूरी में राहुल के साथ सड़क पर चलने को बाध्य हैं।  मणिपुर से महाराष्ट्र वाली यह न्याय यात्रा का फिलहाल वो चरण चल रहा है, जहां कांग्रेस किसी समय मजबूत पार्टी हुआ करती थी।  पूर्वोत्तर राज्यों में तो अब कांग्रेस का कई जगह कोई नामलेवा भी नहीं बचा। 

वैसे भी वो प्रदेश दिल्ली की सत्ता के साथ रहना पसंद करते हैं।  रहा सवाल बिहार, बंगाल जैसे प्रदेशों का, तो वहीं कांग्रेस दशकों पहले अकेले के दम पर सत्ता में आई थी।  इन घटनाक्रमों के बीच राहुल की गाड़ी फूटने की एक ऐसी घटना हुई है जिसको लेकर खुफिया विभाग के कान खड़े हो गए हैं।  गाड़ी कैसे फटी, किसने फोड़ी, फोड़ी कि फड़वाई गई, ऐसे तमाम प्रश्न है जिसके उत्तर भविष्य में इसलिए भी नहीं मिलेंगे, क्योंकि इसकी कोई जांच-पड़ताल नहीं हो रही है।  इस गंभीर घटना पर कांग्रेस के नेता जिस तरह की लीपापोती कर रहे हैं, वह ज्यादा हैरानी भरा है।  हालत यह है कि ममता बनर्जी विरोधी अधीर रंजन चौधरी ने बताया कि गाड़ी पर पथराव हुआ और कांग्रेस की अधिकृत प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि ज्यादा स्पीड में ब्रेक मारने के कारण गाड़ी का कांच टूटा। 

क्या छुपाना चाहती है कांग्रेस, क्यों छुपा रही है…?

राहुल की गाड़ी फूटने की जो तस्वीरें और वीडियो वायरल हुए हैं, उसमें साफ नजर आ रहा है कि जब बिहार से बंगाल की ओर एंट्री की गई, उस दौरान उसका शीशा टूटा। घटना होने के बाद जब गाड़ी एक मैदान में आकर रुकी तो खुद राहुल ने उतरते ही उसका मुआयना किया। इसका मतलब यह है कि कुछ तो रास्ते में ऐसा हुआ जो कांग्रेस छिपाना चाह रही है। राहुल की गाड़ी निकली बिहार से थी और पहुंच गई बंगाल, जब यह वारदात हुई। जब अधीर रंजन चौधरी ने मीडिया को बताया कि बंगाल में पथराव हुआ तो उसका ममता की पार्टी की तरफ से तीखा जवाब आया कि घटना बिहार में हुई। मामला बिगड़ते देख सुप्रिया श्रीनेत ने खुद होकर जो कारण बताया, उससे पार्टी की और ज्यादा फजीहत होने लगी। बकौल सुप्रिया, राहुल की यात्रा के दौरान भारी भीड़ ने उनका स्वागत किया, इस दौरान एक महिला अचानक गाड़ी के सामने आ गई। सुरक्षा बढ़ाने के लिए अचानक पुलिसवालों ने रस्सी लगा दी। 

इस रस्सी के कारण गाड़ी को अचानक ब्रेक मारना पड़ा और कांच फूट गया।  सुप्रिया यह कहानी नहीं भी सुनातीं तो शायद चल जाता, लेकिन अब जब उन्होंने खुद होकर यह बताया है तो किसी को भी यह बात हजम नहीं हो रही है।  देश में अब एक्सप्रेस-वे बन गए हैं जहां हाई-स्पीड गाड़ियां चल रही हैं और असंख्य गाड़ियों में अचानक ब्रेक लगाने की घटनाएं होती हैं, लेकिन कांच किसी का नहीं फूटता।  सवाल यही उठाया जा रहा है कि आखिर क्या मजबूरी है कि कांग्रेस को इस घटना को लेकर कई तरह की कहानियां सुनानी पड़ रही हैं? और कोई मजबूरी है तो देश की जनता को उसे जानना जरूरी है। 

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सुरक्षा से समझौता तो नहीं हो रहा…

इस घटना के बाद यह भी कहा जा रहा है कि राहुल की सुरक्षा के साथ ‘समझौता’ किया जा रहा है।  ऐसे वक्त यह समझौता हो रहा है जब देश में विपक्षी नेताओं से चुन-चुन कर बदला लिया जा रहा है।  कोई जेल जा रहा है तो किसी को मजबूरी में राजनीतिक समझौते करने पड़ रहे हैं।  राहुल जिस गांधी परिवार का हिस्सा हैं, उसने सुरक्षा में समझौते की बड़ी कीमत चुकाई है।  राहुल की आदत भी अपने पिता और दादी जैसी है, वे खुलकर जनता के बीच जाते हैं और यहां तक कि कई बार सुरक्षा निर्देशों का उल्लंघन भी कर रहे हैं।  वैसे भी सरकार ने गांधी परिवार की सुरक्षा का जिम्मा अब एसपीजी से हटाकर सीआरपीएफ को सौंप रखा है।  सरकार को चाहिए कि इस घटना की निष्पक्ष जांच कराए।  यह भी सामने आना चाहिए कि आखिर गाड़ी फूटी थी या फोड़ी गई थी? यदि रूटीन दुर्घटना भी है तो भविष्य में इस तरह की दुर्घटना ना हो, यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए, बुलेटप्रूफ गाड़ियों की सरकार के पास कोई कमी तो नहीं है, लेकिन ऐसी गाड़ी में देश का विपक्ष का बड़ा नेता चल रहा है जिसका कांच रस्सी और ब्रेक मारने से टूट जाए तो यह निश्चित ही बड़ी चिंता का विषय है। 

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