शाहिद ए चौधरी
वास्तव में ईरान और पाकिस्तान के बीच 559-मील लंबी साझी सीमा है। उसके यह दोनों देश एक दूसरे पर आरोप लगाते रहे हैं कि इस सीमा के पास की आतंकियों को शरण दी जाती है। 15 दिसंबर 2023 को ईरान के दक्षिण का पूर्व रस्क में एक पुलिस स्टेशन पर हमला हुआ था, जिसमें उसके 11 की अधिकारी मारे गए थे। ईरान का कहना है कि गई यह हमला जैश-ए-अदल ने किया था, जो कि लिया पाकिस्तान में ईरान की सीमा के पास शरण हिसाब- लिए हुए है।
ईरान का दावा है कि उसने मामला पाकिस्तान में बलूचिस्तान के सुदूर पहाड़ी क्षेत्र के में इसी आतंकी गुट को निशाना बनाने हेतु 16 खतरा जनवरी को एयर स्ट्राइक की थी। उसी दिन आशंका ईरान ने इराक के अर्द्ध-स्वायत्त प्रांत कुर्दिस्तान तीसरे की राजधानी इरबिल में बैलिस्टिक मिसाइल व भूमिका ड्रोन्स से हमला किया। ईरान का दावा है कि उसने इराक में इजराइल के क्योंकि जासूसी अड्डे को नष्ट किया है, जहां से इजराइल पश्चिम एशिया में उसके मिसाइल सहयोगी बलों पर हमले कर रहा था। सीरिया पर स्ट्राइक के बारे में ईरान और का दावा है कि उसने उन इस्लामिक स्टेट (आईएस) के आतंकियों को हों, अपना निशाना बनाया है, जिन्होंने 3 जनवरी को ईरान के रेवोल्युशनरी निश्चित गार्ड्स के जनरल रहे कासिम सुलेमानी की मजार पर बम विस्फोट किए रूप से बड़े खिलाड़ी हैं। थे, जिसमें 103 लोगों की मौत हुई थी।
बगदाद ने स्ट्राइक पर अपना विरोध जताते हुए तेहरान से अपने राजदूत को वापस बुला लिया है। इसी तरह पाकिस्तान ने भी तेहरान से अपने राजदूत को वापस बुला लिया है और ईरान के राजदूत को अपने यहां से निकाल दिया है, इस बीच चीन ने हस्तक्षेप करते हुए ईरान व पाकिस्तान से संयम बरतने के लिए कहा है। चीन के आग्रह के बावजूद ईरान ने कहा कि दुश्मनों के विरुद्ध जब भी आवश्यकता होगी, उनका देश अपनी मिसाइल क्षमता प्रयोग करेगा। मिलिटेंट हमलों को लेकर पाकिस्तान व ईरान ने हमेशा ही एक दूसरे पर शक किया है। पाकिस्तान का कहना है कि उसने जैश- ए-अदल के उन सदस्यों को गिरफ्तार किया है, जो ईरान में हमलों के जिम्मेदार थे।
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यह गुट सीमा के निकट ईरानी सुरक्षा बलों को निशाना बनाता है और पाकिस्तान में प्रवेश कर जाता है, जहां पाकिस्तानी सरकार सीमा सुरक्षा के लिए अधिक चेकपोस्ट की व्यवस्था करने में लगी हुई है। लेकिन बलूच अलगाववादी पाकिस्तानी सुरक्षा बलों को भी भी प्रांत में अपना निशाना बनाते हैं, जिसकी सीमाएं अफगानिस्तान व ईरान से भी मिलती हैं। पाकिस्तान का कहना है कि इन अलगाववादियों को ईरान का समर्थन प्राप्त है। ईरान की स्ट्राइक्स इन आशंकाओं की पृष्ठभूमि में हुई हैं कि गजा का युद्ध अधिक घातक व विस्तृत क्षेत्रीय टकराव में परिवर्तित हो सकता है। ईरान के प्रॉक्सी बलों और अमेरिका व अन्य पश्चिमी पावर्स के बीच लो-लेवल टकराव तो चल ही रहा है। ईरान समर्थित यमन के हूती विद्रोही लाल सागर में ग्लोबल शिपिंग को बाधित कर रहे हैं। लेबनान से हिजबुल्ला उत्तरी इजराइल पर हमले कर रहा है। ईरान समर्थित इराकी मिलिटेंट्स इराक व सीरिया में पिछले 3 माह के दौरान 30 बार से अधिक अमेरिकी बेसों पर हमले कर चुके हैं।
गजा में इजराइल के हमले जारी हैं, जिसे नरसंहार कहते हुए दक्षिण अफ्रीका ने इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस में दस्तक दी है। ईरान ने तीन देशों में मिसाइल स्ट्राइक करके अमेरिका, इजराइल व उनके पश्चिमी समर्थकों को संदेश दिया है कि उसे कमजोर न समझा जाए और उसके साथ भी चीन व रूस की ताकत है। यूक्रेन की तरह मध्य पूर्व में भी अलग-अलग शक्तियों का प्रॉक्सी युद्ध ही चल रहा है।
अब जबकि पाकिस्तान ने भी ईरान के विरुद्ध जवाबी कार्यवाही कर दी है, तो चाहे धोखे में हो या जानबूझकर, पाकिस्तान भी इस टकराव में शामिल हो चुका है, जिससे वह अब तक बचने का प्रयास कर रहा था। ऐसे में अगर सचमुच हमें दुनिया को आग में नहीं झोंकना, भूख और गरीबी को आमंत्रित नहीं करना तो जितना जल्दी हो, हर हाल में इस प्रॉक्सी युद्ध को वास्तविक खतरा बनने से रोकना होगा, क्योंकि इसके वास्तविक युद्ध बनने का मतलब है गंभीर तेल संकट ! जिससे भारत, जापान व जर्मनी सबसे अधिक प्रभावित होंगे, साथ ही तीसरे विश्व युद्ध का खतरा भी बढ़ जाएगा।
पाकिस्तान ने ईरान द्वारा 16 जनवरी को बलूचिस्तान प्रांत पर गई एयर स्ट्राइक बदला 18 जनवरी सुबह ईरान पर की एयर स्ट्राइक से ले है। लेकिन ये किताब बराबर का नहीं है, इससे दुनिया परिदृश्य में युद्ध का मंडराने लगा है। है कि यह हरकत विश्व युद्ध की रच सकती है, भले ही प्रत्यक्ष में का ट्रिगर ईरान पाकिस्तान दबा रहे लेकिन पर्दे के पीछे निश्चित रूप से बड़े खिलाड़ी हैं।