यह सचमुच गंभीर और अभूतपूर्व स्थिति है कि लोकसभा चुनाव (Lok Sabha elections 2024) के मुहाने पर देश की प्रमुख विपक्षी पार्टी कांग्रेस (Congress) खुद को ठन-ठन गोपाल बता रही है और उसके शीर्ष नेता आरोप लगा रहे हैं कि प्रधानमंत्री मोदी कांग्रेस को आर्थिक रूप से पंगु बनाने की साजिश कर रहे हैं। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी और पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि बीजेपी सरकार ने कांग्रेस के खातों पर रोक लगाकर उसे पाई-पाई के लिए मोहताज कर दिया।
पार्टी के पास चुनाव लड़ने तक के पैसे नहीं हैं। अकाउंट फ्रीज कर जनता से एकत्रित धन को रोका जा रहा हैं और खातों से पैसा जबरन छीना जा रहा है। कांग्रेस का सीधा आरोप है कि बीजेपी ने चुनावी चंदे के जरिए अपना बैंक खाता भर लिया है। दूसरी तरफ कांग्रेस के बैंक खाते पर रामक लगा दी गई है। हर कोई जानता है कि एक-एक सीट के चुनाव में करोड़ों रुपए का खर्च आता है।
यह भी पढ़ें
आम चुनाव के लिए सारे देश में प्रचार करना होता है जो बगैर धन के संभव नहीं है। राहुल गांधी ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि आज देश में लोकतंत्र नहीं है। कांग्रेस के 210 करोड़ रुपयों पर रोक लगा दी गई है। पार्टी अपने नेताओं को एक शहर से दूसरे शहर भेज नहीं सकती। सोशल मीडिया से लेकर हर तरफ बीजेपी का विज्ञापन दिख रहा है। कांग्रेस की यह शिकायत इसलिए अहमियत रखती है क्योंकि जब पार्टी संसाधनों से विहीन रहेगी तो ऐसी लुटी-पिटी हालत में चुनाव कैसे लड़ पाएगी? जब पार्टी के सामने भारी वित्तीय संकट होगा तो चुनावी मुकाबला एकपक्षीय होकर रह जाएगा।
चुनावी बॉन्ड को सुप्रीम कोर्ट असंवैधानिक करार दे चुका है। स्टेट बैंक ने जानकारी भी दी है कि बीजेपी को बॉन्ड के जरिए सर्वाधिक रकम मिली। कांग्रेस के खाते फ्रीज किए जाने से वह चुनाव के समय रकम निकाल नहीं सकती और कोई लेन-देन नहीं कर सकती। ऐसे में गैरबराबरी की स्थिति रहेगी। इस समस्या का इलाज क्या है? देश की जनता तक कांग्रेस ने अपनी बात पहुंचा दी। देखना है कि जनमानस पर इसका क्या असर पड़ेगा? बीजेपी की ओर से उसके अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा कि कांग्रेस लोकसभा चुनाव में अपनी हार को भांपते हुए हताश होकर बहाना बनाने का प्रयास कर रही है।