अब ये कंपनी नहीं बनाएगी डीजल कारें, इस आखिरी मॉडल को बनाकर कहा अलविदा; ईवी और हाइब्रिड पर होगा फोकस

वोल्वो ने डीजल कारों को अलविदा कह दिया है। कंपनी ने अपनी अंतिम डीजल कार को हाल ही में तैयार किया है। वोल्वो का लक्ष्य 2040 तक पूरी तरह से इलेक्ट्रिक होने का है। ईवी और हाइब्रिड कारें इस मुहिम का नेतृत्व करेंगी। वॉल्वो ने पिछले साल सितंबर में क्लाइमेट वीक NYC में दुनिया के सामने इसकी घोषणा की थी और अब उन्होंने इसे हकीकत बना दिया है। ब्रांड ने अपनी आखिरी डीजल कार बना ली है।

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फरवरी की शुरुआत में बेल्जियम के गेन्ट में वोल्वो के प्लांट ने अपनी आखिरी डीजल से चलने वाली कार V60 का उत्पादन किया था। अभी कुछ ही दिन पहले स्वीडन के टॉर्सलैंडा में कंपनी के प्लांट ने अपनी आखिरी XC90 डीजल कार का उत्पादन बंद कर दिया।

97 साल के इतिहास में बड़ा माइलस्टोन

वोल्वो के 97 साल के इतिहास में एक बड़ा माइलस्टोन हासिल किया है। इस कदम के साथ वोल्वो पूरी तरह से इलेक्ट्रिक कार निर्माता बनने के साथ-साथ 2040 तक नेट जीरो ग्रीनहाउस गैस एमिशन हासिल करने के अपने लक्ष्य की ओर एक कदम उठा रही है। पांच साल पहले तक डीजल इंजन यूरोप में वोल्वो का ब्रेड-एंड-बटर पावरट्रेन था।

ग्लोबल इलेक्ट्रिक बाजार हिस्सेदारी

2019 में यूरोप में बेची गई ब्रांड की अधिकांश कारें डीजल पर चल रही हैं, जबकि इलेक्ट्रिक मॉडल अभी लोकप्रियता हासिल करना शुरू कर रहे थे। अब वोल्वो की अधिकांश कारें इलेक्ट्रिक हो जाएंगी। पिछले साल वोल्वो ने पूरी तरह से इलेक्ट्रिक कारों की बिक्री में 70 प्रतिशत की वृद्धि की और इसकी ग्लोबल इलेक्ट्रिक बाजार हिस्सेदारी में 34 प्रतिशत की वृद्धि हुई।

इलेक्ट्रिक होगा फ्यूचर 

वोल्वो का कहना है कि उसका फ्यूचर वास्तव में पूरी तरह से इलेक्ट्रिक है, जिसमें प्लग-इन हाइब्रिड और माइल्ड-हाइब्रिड मॉडल समेत मिक्स पोर्टफोलियो है। ऐसा लगता है कि इलेक्ट्रिक और हाइब्रिड कारें ही भविष्य हैं और हमने वोल्वो की भारतीय लाइन-अप में भी यह बदलाव देखा है। ब्रांड लगभग तीन सालों से भारत में केवल पेट्रोल मॉडल बेच रहा है।

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