
अब इंसान का वेस्ट प्रोडक्ट भी साबित हुआ बेस्ट प्रोडक्ट, वैज्ञानिकों ने कर दिखाया कमाल.

इंग्लैंड के वैज्ञानिक सस्ता ऐरो प्लेन ईंधन बनाने के लिए स्सता bio waste ढूंढने में लगे हुए थे.

साउथ वेस्ट इंग्लैंड में मौजूद ग्लूस्टरशायर की एक लैब में इंसानी मलमूत्र को कैरोसिन में बदलने का प्रयोग किया गया और वो सफल भी रहा.

पिछले 20 साल से लो कार्बन फ्यूल बनाने की कोशिश में लगे जेम्स हेगेट और लंदन के डॉ सर्गियो लिमा ने मिलकर मानव मल को जेट फ्यूल में बदलकर एक ऐसा fuel बनाया है, जो जेट फ्यूल जैसा ही काम करता है.

इस क्रूड ऑयल को उन्होंने bio crude नाम दिया है.

इंटरनेशनल एविएशन रेगुलेटर्स की एक टीम ने जब इस फ्यूल की टेस्टिंग की, तो पता लगा कि ये पूप फ्यूल, स्टैंडर्ड जेट फ्यूल से काफी मिलता जुलता है.

और यह फ्यूल स्टैंडर्ड जेट फ्यूल की तुलना में 90% कम प्रदूषण फैलाता है.

वैज्ञानिक जेम्स हेगेट ने कहा कि एक साल में एक आदमी जितना मल मूत्र त्यागता है, उससे लगभग 4 से 5 लीटर बायो जेट फ्यूल बनाया जा सकता है.